नवग्रह के बाद क्या पी.के.बनेंगे दसवें…..?
के. विक्रम राव
नईदिल्ली। एक हैं ”पी.के.” (आमिर खान की सिनेमा नहीं) मयखाने का हालावाला भी नहीं, वह बक्सर वाले राजनीतिज्ञ पंडित प्रशांत किशोर पाण्डेय हैं,पार्टियों को सत्ता में बिठाना-गिराना उनका पेशा है। सियासतदां के सितारे चमकाने की कारीगरी उनमें है, तकरीबन सभी जननायकों के साथ रहे। कैलेंडर की भांति उन्हें बदलते भी रहे पर आज कल कांग्रेसी कर्णधार प्रियंका वाड्रा और उनकी इतालवी अम्मा के साथ हैं, बेटा भारत के बाहर है।
देश की इस 137साल पुरानी कांग्रेस पार्टी का कायाकल्प कर सोनिया को राजरानी बनवाने का उनका अपना लक्ष्य है। क्या कांग्रेस कि झुकी रीढ तथा शुष्क झुर्रियां सुधरेंगी ? पीके को अपने पर भरोसा है। काठ की हांडी को फिर चूल्हे पर चढ़ाने की कोशिश। एक कार्टून था कि डंडे से सिर के ऊपर बंधी गाजर देखकर गर्दभ बढ़ता चलता है, खा नहीं पाता सत्ता का रुप गाजर का है। मगर पीके अनहोनी पर यकीन रखते हैं वो नामुमकिन कुछ भी नहीं मानते मगर उनके बूते की बात नहीं लगती कि पप्पू को राजा वे बना सकते हैं। कारण…? पप्पू अटल है,न बदलेगा,न सुधरेगा पी.के जितना भी ओवरटाइम कर लें। जैसे दुनिया चौपट—चौकोर नहीं हो सकती गोल ही रहेगी।
अगर कहीं पीके ने राहुल को या उनकी मां-बहन को सत्ता में ला दिया, तब मानना पड़ेगा कि अंधा भी बटेर पकड़ सकता है। आधारभूत कारण यह है कि भारतीय लोकतंत्र और मतदाता भोंदू नहीं है। वोट का महत्व आंकते हैं। पी.के समूचा भारत नहीं है,(मुण्डे मुण्डे मतिर्भिन्ना) बिहार के इस ब्राह्मण को इतना तो पता ही होगा।
फिर लोग प्रश्न पूछेंगे कि नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री तिबारा कैसे बने…….?
प्रधानमंत्री भी बन गए नीतीश कुमार को शत्रु लालू की गोद में बिठाने वाले ने कैसे यह कर दिखाया। हाल ही में ममता की एक बार और सरकार बनवा दी अर्थात जादूगर तो पीके होंगे ही..! तो क्या जादू हर बार चलता है…?
सोनिया तो 1999 में शपथ लेने राष्ट्रपति केआर नारायण के पास जा रहीं थीं।मुलायम सिंह यादव ने लंगड़ी लगा दी,सपा सांसदों का समर्थन नहीं मिला।एक अवसर आया जब राहुल का अभिषेक तय था पर पुलवामा हो गया।
कांग्रेस को पंजाब में (2017) में सत्ता पर बैठा देने वाले पी.के कांग्रेस को यूपी में कहीं भी नहीं पहुंचा पाये! तो अब सात साल में कौन से हूर के पर लग गये सोनिया कांग्रेस मे कौन मोहित होगा-कैसे होगा..? मगर गाजर खाने की लालसा पी.के ने सोनिया में प्रबल कर दी।
आगामी लोकसभा चुनाव (2024) बड़ा दिलचस्प होगा।नरेन्द्र मोदी हैट्रिक को होने देंगे या पी.के दिये बल्ले से सोनिया छक्का लगा पायेंगी,इतिहास इसकी प्रतीक्षा करेगा?