हम जनता हैं हमारी भी सुनो..…..!
खुशबू देश के आम जनता की आवाज
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम श्री बृजेश पाठक जी 25 मार्च को शपथ ग्रहण कर संकल्प लिया और दृढ़ निश्चय कर देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए निश्चय कर निकल पड़े ।
शपथ ग्रहण करने के बाद सिर्फ 11 दिन ही हुए थे और उन्होंने जी हां हमारे डिप्टी सीएम माननीय बृजेश पाठक जी ने आज ऐसा किया की न्यूज़ पढ़कर पढ़कर मेरी आंखें भर आई अस्पताल में कितनी दूर दूर से गरीब और असहाय लोग आते हैं अपना इलाज कराने क्योंकि उनके पास मुट्ठी भर पैसा नही होता और वो यह संघर्ष करने के लिए भी तैयार होते हैं कि कोई बात नहीं 2 दिन रुक लेंगे 3 दिन रुक लेंगे जमीन पर सो लेंगे पर कम पैसों में इलाज तो सही हो जाएगा क्योंकि सरकार ने हमारी सुविधाओं के लिए सरकारी अस्पताल बनवाए हैं पर आपको सच्चाई नहीं पता क्या है। जब कभी मैं जाती हूं KGMU या राममनोहर लोहिया तो देखती हूं कि गरीब असहाय और दर्द से कराहते लोग ओपीडी में सुबह सूर्य की किरण निकलने से पहले ही जाकर लाइन में लग जाते हैं पर उन गरीबों की आवाज कोई नहीं सुनता लोगों को दुत्कारा जाता है क्योंकि वह गरीब होते हैं और कम पैसों में इलाज करवाने आए हैं इलाज की तो बात छोड़िए वहां का जो स्टाफ होता है वह इतनी बदतमीजी से बात करता है कि लाइन में लगा हर बूढ़ा और गरीब आदमी हाथ जोड़कर जी मैडम हां मैडम करके उम्मीद भरी नजरों से देखता रहता है और चुपचाप सुन लेता है आपको पता है ऐसा क्यों होता है क्योंकि उन लोगों के अंदर यह भावना है की वेतन हमारा आता ही है हमसे कोई कुछ पूछने नहीं आता क्योंकि हम सरकारी लोग हैं।
जिस तरह हमारे डिप्टी सीएम आम जनता बनकर उन लोगों की जगह खड़े हुए औरउन्हें यह सच्चाई पता चली की सुबह से 2:30 बज गए अभी तक पर्चा नही बना और ये समझ पाए कि गरीबों को कैसे धिक्कारा जाता है ठीक उसी प्रकार मैं खुशबू आप सभी से हाथ जोड़कर अनुरोध करती हूं कि सभी लोग देश के उन गरीबों के बारे में जरूर सोचे,जिन्होंने आप को चुना है। जिस दिन आप सभी बृजेश पाठक की तरह सोचने लगे उस दिन कोई आम आदमी यह सोचकर नहीं रोयेगा कि हमारे पास पावर नहीं है और हम असहाय हैं । किसी गरीब बाप का बेटा इलाज न होने की वजह से नही मरेगा,कोई माँ दर्द से तड़प के नही मारेगी।
परन्तु सत्य तो ये है कि ऐसा कुछ नही होता न होने वाला है क्योंकि ये इंडिया है यहां लोग स्वार्थी हैं। आज भी हम लोगों ने वोट देकर नेता चुना है पर यदि आम आदमी या वही गरीब बाप किसी नेता से मिलने जाए तो उसे 20 कदम दूर से ही अनपढ़ और गरीब बोलकर खदेड़ दिया जाता है।
यही सच है।