अयोध्या के आचार्य पीठ लक्ष्मण किला में आज गूंजेंगी रंगभरी बधाईयां, मिथिला की सखियों के गीतों पर झूमते हैं संत-महंत

लक्ष्मण किलाधीश महंत मैथिलीरमण शरण ने बताया कि पीठ की परंपरा के क्रम में भगवान श्रीराम के जन्म के बाद एकादशी को लक्ष्मण किला में रंगभरी एकादशी होती है। श्रीराम के जन्म के उल्लास में संत भगवान के साथ और भक्त संतों के साथ होली खेलते हैं।इस होली में सभी एक दूसरे पर गुलाल और पुष्प की वर्षा कर आनंदित होते हैं।
उन्होंने कहा कि लक्ष्मण किला की परंपरा में हम संत और भक्त श्री सीता जी को अपनी बहन और श्रीराम जी को दूलहा के रूप में पूरे साल पूजन करते हैं।ऐसे में श्रीराम का इस धरा धाम पर जन्म का क्षण हमारे लिए बेहद खास है। इसे और आनंददायक बनाने के लिए अर्थात अपने आराध्य के साथ प्रेम प्रकट करने के लिए किला में रंगभरी एकादशी मनाए जाने की परंपरा है।
लक्ष्मण किलाधीश महंत मैथिलीरमण शरण ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए मिथिला की सखियां आई हुई हैं।वह भगवान को अपने पदों का गायन करती हैं तो श्रीराम रस के आनंद में डूबकर संत नृत्य करने लगते हैं।सरयू तट स्थित किला में उत्सव का आनंद देखते ही बनता है।
सिद्धपीठ हनुमत निवास के महंत मिथिलेश नंदिनी शरण ने बताया कि आज सुबह से किला में रंगभरी एकादशी का पर्व आरंभ हो जाएगा।इसमें अयोध्या के संत-महंत और श्रद्धालुओं का समूह शामिल होगा।इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायक एमबी दास,राम नंदन दास और किला के प्रधान गायक विनोद शरण आदि संगीतकार खास तौर पर शामिल हो रहे हैं।