उत्तर प्रदेशराज्य

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की धाक: 75 से अधिक बाघों की उपस्थिति, ‘रॉकेट’ और ‘सुंदरी’ बने पर्यटकों के चहेते

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों का जलवा।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की बढ़ती संख्या पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र बन गई है। 73,000 हेक्टेयर में फैले इस रिजर्व में अब बाघों की संख्या 75 से अधिक हो गई है। इस उपलब्धि के लिए रिजर्व को कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं।

 

रिजर्व में एस 2, एस 3 और रॉकेट नाम के नर बाघ पर्यटकों के बीच विशेष लोकप्रिय हैं। इसी तरह सुंदरी, नैना और स्टार नाम की बाघिनें भी पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। जंगल सफारी के दौरान पक्की और कच्ची पटरी पर इन बाघों के दर्शन पर्यटकों को रोमांचित करते हैं।

पहले की तुलना में अब वन्यजीव दर्शन की संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं। रिजर्व में लगे व्हाइट बोर्ड पर दर्ज फीडबैक के अनुसार, पर्यटन सत्र के दौरान प्रतिदिन पर्यटकों को बाघों के दर्शन हो रहे हैं। यह आंकड़ा 100 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

रिजर्व में अनुकूल वातावरण की वजह से बाघों का कुनबा तेजी से बढ़ा है। नई पीढ़ी के बाघों ने पर्यटकों को आकर्षित करने की जिम्मेदारी संभाल ली है। यह स्थिति पीलीभीत टाइगर रिजर्व को देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बना रही है।

रोड पर टहलते टाइगर देखना बहुत ही रोमांचक नजारा होता है।

हिरण भालू और मोर भी पर्यटकों को लुभा रहे

पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल में बाघों के साथ-साथ अन्य वन्य जीवों का भी भरा पूरा परिवार है, जंगल में हिरण भालू मोर आदि जैसे वन्य जीव भी बहुतायत की संख्या में उपलब्ध है जंगल भ्रमण के दौरान पर्यटकों को इन वन्यजीवों के भी दीदार होते हैं। ऐसे में बाघों के अलावा इन वन्य जीवों का संसार भी पर्यटकों को लुभाने का काम करता है।

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