भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करते हुए पाकिस्तान को एक आधिकारिक ‘सूचना’ भेजी।

‘पहले भी संधि में संशोधन के लिए नोटिस भेजे थे’
भारत सरकार की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि भारत ने संधि के अनुच्छेद XII (3) के तहत पाकिस्तान को पहले भी संधि में संशोधन के लिए नोटिस भेजे थे। इन नोटिसों में बदलती परिस्थितियों, जैसे जनसंख्या में भारी वृद्धि, स्वच्छ ऊर्जा विकास की आवश्यकता, और जल बंटवारे से जुड़े मूलभूत अनुमानों में बदलाव का हवाला दिया गया था। भारत का कहना है कि इन कारणों से संधि के विभिन्न अनुच्छेदों और अनुबंधों के तहत दायित्वों की पुन: समीक्षा जरूरी है। पत्र में पाकिस्तान पर संधि का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया गया है।
‘भारत सरकार ने गहन विचार-विमर्श के बाद लिया निर्णय’
भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद को लगातार बढ़ावा दिया है, जिसके कारण सुरक्षा अनिश्चितताओं ने भारत को संधि के तहत अपने अधिकारों का पूर्ण उपयोग करने में बाधा डाली है। इसके अलावा, पाकिस्तान ने संधि के तहत वार्ता शुरू करने के भारत के अनुरोध का जवाब नहीं दिया, जो संधि का स्पष्ट उल्लंघन है। देवश्री मुखर्जी ने पत्र में स्पष्ट किया कि संधि को निलंबित करने का निर्णय भारत सरकार ने गहन विचार-विमर्श के बाद लिया है। बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर भारत सरकार का यह कदम पाकिस्तान को मुसीबत में डाल सकता है क्योंकि यह देश सिंचाई आदि कामों के लिए सिंधु नदी प्रणाली पर बुरी तरह निर्भर है।