बड्स एक्ट के लागू होने में कमियाँ: 180 दिन में भुगतान का वादा पूरा नहीं, 42 करोड़ पीड़ित अब भी परेशान
इस कानून के अनुसार, ठगी पीड़ितों को 180 दिनों के भीतर जमाराशि का दो से तीन गुना भुगतान किया जाना था। जिला स्तर पर नियुक्त सक्षम अधिकारी और विशेष न्यायाधीश अपने अधिकारों का उचित उपयोग नहीं कर रहे हैं। इससे 42 करोड़ से अधिक पीड़ित प्रभावित हुए हैं। पांच लाख से अधिक पीड़ितों ने आत्महत्या की है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को लाखों ज्ञापन दिए जा चुके हैं। करोड़ों पीड़ितों ने भुगतान के लिए आवेदन किए हैं। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस मुद्दे पर 21 मई 2025 को सुबह 10 बजे सभी जिलों में धरना प्रदर्शन होगा।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार बड्स एक्ट का उल्लंघन कर नया रिफंड पोर्टल बना रही है। उनका मानना है कि जब समयबद्ध भुगतान का कानून मौजूद है, तो नए पोर्टल की आवश्यकता नहीं है।
ईडी, सेबी और सीबीआई द्वारा जब्त संपत्तियां बड्स एक्ट के अधिकारियों को नहीं सौंपी जा रही हैं। प्रदर्शनकारी जिला और तहसील स्तर पर भुगतान केंद्र की मांग कर रहे हैं। इससे पीड़ितों को समय पर भुगतान मिलेगा और निवेशक-एजेंट के बीच तनाव कम होगा।