प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए के शासित 19 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बैठक कर जाति जनगणना के मकसद को स्पष्ट किया।

पत्रकारों को जानकारी देते हुए भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन जाति की राजनीति में विश्वास नहीं करता है, लेकिन जाति गणना से विभिन्न क्षेत्रों में पिछड़े लोगों को विकास करने में मदद मिलेगी। रविवार को एनडीए के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक में सशस्त्र बलों की वीरता और मोदी के साहसी नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया।
ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रस्ताव पेश किया और शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसका समर्थन किया। सूत्रों ने बताया कि प्रस्ताव में कहा गया है कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीयों का आत्मविश्वास बढ़ाया है। मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा गया कि उन्होंने हमेशा सशस्त्र बलों का समर्थन किया है और ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों को करारा जवाब दिया है।
बैठक में शामिल हुए 19 मुख्यमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और जे पी नड्डा, जो भाजपा अध्यक्ष भी हैं, एक दिवसीय सम्मेलन में शामिल हुए, जिसमें लगभग 19 मुख्यमंत्री और इतने ही उपमुख्यमंत्री मौजूद थे। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जाति गणना पर प्रस्ताव पेश किया। बैठक के दौरान मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ और सुशासन के मुद्दों पर भी चर्चा की गई। इस सम्मेलन में विचार-विमर्श का एक महत्वपूर्ण हिस्सा विभिन्न एनडीए राज्य सरकारों द्वारा सर्वोत्तम प्रथाओं पर समर्पित था। कई मुख्यमंत्रियों ने अपने राज्यों की प्रमुख योजनाओं पर प्रस्तुतियां दीं। बैठक में 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि भी दी गई।