बाढ़ पीड़ितों के लिए दो वक्त के भोजन की व्यवस्था: बुजुर्गों को मिलेगा दूध, बच्चों को दिए जाएंगे फल, चना और डेटॉल 

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बाढ़ से निपटने के लिए कानपुर प्रशासन ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने के बाद कुछ व्यवस्थाओं में बदलाव भी किए गए हैं। एडीएम फाइनेंस विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि बाढ़ से निपटने के पूरे इंतजाम किए जा चुके हैं और बैठक कर जिम्मेदार अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं।

दो बार मिलेगा भोजन उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ितों को इस बार दोनों टाइम भोजन व नाश्ता की व्यवस्था की जाएगी। इस बार किट में दो किलो चना, डेटॉल अतिरिक्त रखा गया है। वृद्धों को एक गिलास दूध मिलेगा तो बच्चों को फल दिए जाएंगे।

आपदा विभाग ने टेंडर निकाल दिया है। सामग्री सप्लाई करने वाली संस्था का भी चयन हो चुका है। गंगा व पांडू नदी किनारे बाढ़ आने से हर वर्ष सैकड़ों लोग प्रभावित होते हैं।

घाटमपुर और कल्याणपुर ब्लॉक डेंजर जोन में

विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि घाटमपुर, कल्याणपुर ब्लॉक दोनों ही डेंजर जोन में आते हैं। इसलिए यहां पर ज्यादा सतर्कता की जरूरत हैं। यहां के लगभग 35 गांव बाढ़ से प्रभावित रहते हैं। बाढ़ आने पर लोगों को ऊंचे स्थान पर बने प्राथमिक विद्यालयों में ठहराया जाता है। इसके अलावा अन्य जगह तलाशी जाती है।

एसडीएम और तहसीलदार करते है रहने की व्यवस्था

इसके अलावा वहां से संबंधित एसडीएम और तहसीलदार उनके रहने, खाने की व्यवस्था भी कराते हैं। आपदा विशेषज्ञ जुगबीर सिंह ने बताया कि इस बार जो राहत किट वितरित होगी, उसमें 26 प्रकार की सामग्री होंगी।

अतिरिक्त में दो वक्त भोजन, नाश्ता दिया जाएगा। पिछले वर्ष राहत किट में 18 सामग्री रखी गई थीं। जुलाई से लेकर अगस्त तक नदियों में बाढ़ आती है। इस दौरान एक महीना तक गंगा किनारे रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

सरकार ने दिया विशेष ध्यान

विवेक चतुर्वेदी ने कहा कि विभाग की ओर से हर वर्ष इन क्षेत्रों में आपदा राहत किट बांटी जाती है। बाढ़ पीड़ितों को दी जाने वाली खाद्य सामग्रियों को लेकर इस बार सरकार ने विशेष ध्यान दिया है। सुरक्षा से संबंधित सभी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। राहत चौकी भी बनाई जा रही हैं। इसके अलावा गोताखोर और नाव वाले भी पर्याप्त मात्रा में रहेंगे। किट वितरण के लिए फर्म का चयन हो चुका है।

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