उन्नाव में भीषण गर्मी से बढ़ी मरीजों की संख्या: जिला अस्पताल में 500 और पीएचसी में 150 मरीज पहुंचे, डॉक्टरों की चेतावनी– डिहाइड्रेशन से बचें, पानी की कमी न होने दें

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गर्मी से मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

उन्नाव में बढ़ते तापमान का प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर स्पष्ट रूप से दिख रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राइवेट क्लीनिकों में मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। जिला अस्पताल में 500 से अधिक और पीएचसी में 150 से अधिक मरीज पहुंचे।

 

सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में डायरिया, बुखार, सर्दी-जुकाम, सिरदर्द और त्वचा रोगों के मरीजों की भीड़ है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सुबह से ही मरीजों की लंबी कतारें देखी गईं। कई लोग शरीर में पानी की कमी और लू के लक्षणों के साथ पहुंचे।

डॉ. अल्तमश खान और डॉ. रश्मि वर्मा के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में डायरिया के मामलों में वृद्धि हुई है। पानी की कम मात्रा और दूषित भोजन से पेट संबंधी समस्याएं बढ़ी हैं। मरीजों में सिर में भारीपन, चक्कर, पेट दर्द और उल्टी-दस्त के लक्षण दिख रहे हैं।

त्वचा रोगियों में बढ़ोतरी तेज धूप और गर्म हवाओं से त्वचा रोगों में भी बढ़ोतरी हुई है। खुजली, रैशेज और सनबर्न की शिकायतें आ रही हैं। हीट स्ट्रोक के लक्षणों में शरीर का तापमान अचानक बढ़ना, त्वचा का लाल या सूखा होना, पसीना न आना और बेहोशी शामिल हैं।

नियमित अंतराल पर पानी पीते रहें चिकित्सकों ने लोगों को दोपहर में बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है। साथ ही पर्याप्त पानी पीने और स्वच्छ भोजन करने की सलाह दी है। यदि निकलना आवश्यक हो तो सिर को अंगोछा या कपड़े से ढकें, बाइक सवार हेलमेट का प्रयोग करें और छाता लेकर चलें। शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए नियमित अंतराल पर पानी पीते रहें, नींबू पानी, ORS और हल्का भोजन करें।

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