उन्नाव में पशु-पक्षियों पर संकट गहराया: तालाब में पानी भरवाने की कोशिश पर लेखपाल ने लगाई रोक 

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आषाढ़ माह की प्रचंड गर्मी में जिले के गांवों में नदी, नाले, तालाब और पोखर सूख चुके हैं, जिससे मवेशियों और वन्य जीवों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शासन स्तर से कोई पहल न होने पर ग्रामीण अब खुद अपने निजी संसाधनों से तालाबों में पानी भरवाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की बेरुखी यहां भी आड़े आ रही है।

 

ऐसा ही एक मामला बिछिया विकासखंड के ग्राम आड़ेरूवा के मजरा जगत खेड़ा से सामने आया है। गांव निवासी लल्लन सिंह ने जिला अधिकारी को पत्र लिखकर शिकायत की है कि वह निजी खर्च पर ग्राम सभा के तालाब (गाटा संख्या 1247) में पानी भरवा रहे थे, लेकिन क्षेत्रीय लेखपाल ने रोक लगा दी।

लल्लन सिंह के मुताबिक, यह तालाब पूर्व में मछली पालन के पट्टे पर रहा है और गर्मी के इस कठिन दौर में गांव का एकमात्र जलस्रोत था। गांव की पंचायत भी इस गंभीर स्थिति पर चुप्पी साधे है।

क्षेत्रीय लेखपाल संतोष सिंह ने बताया कि यह तालाब गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना में मिट्टी खनन के लिए प्रस्तावित है। इसलिए यहां पानी भरने की अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने ग्रामीणों को किसी अन्य तालाब में पानी भरवाने की सलाह दी है।

गांव में पानी की गंभीर किल्लत से मवेशी, पशु-पक्षी और ग्रामीण तकषण त्रस्त हैं। ग्रामीणों में प्रशासनिक रवैये को लेकर रोष बढ़ता जा रहा है

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