UP BJP Politics: मंच पर योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में अमित शाह ने यूपी के एक खास नेता को कहा ‘मेरे मित्र’ – सभी रह गए हैरान।

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रविवार को एक बड़े आयोजन के दौरान 60 हजार से अधिक चयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे गए. इस समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं मंच से युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए, जिससे प्रदेश की पुलिस को 60 हजार नए पुलिसकर्मी मिल गए. यह कार्यक्रम महज रोजगार देने का मंच नहीं था, बल्कि इसके जरिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अंदरूनी सियासत के कुछ दिलचस्प संकेत भी देखने को मिले.

अमित शाह के बयान से बढ़ी सियासी अटकलें
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और योगी सरकार के कई अन्य मंत्री और बीजेपी नेता मंच पर मौजूद थे. सबसे पहले सीएम योगी ने सभा को संबोधित किया, जिसके बाद गृहमंत्री अमित शाह ने युवाओं को प्रेरणादायक संबोधन दिया. अपने भाषण की शुरुआत में अमित शाह ने पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिया और उसके बाद जब उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का ज़िक्र किया, तो उन्होंने उन्हें “मेरे मित्र और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य जी” कहकर संबोधित किया. इस एक पंक्ति ने यूपी की सियासी गलियारों में चर्चा को एक बार फिर गरमा दिया है.

सीएम योगी और केशव प्रसाद मौर्य की अनबन रही है चर्चा में
उत्तर प्रदेश की राजनीति में लंबे समय से यह बात सामने आती रही है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच संबंधों में सबकुछ सहज नहीं है. उपचुनावों के दौरान या फिर विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों में दूरी की कई घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं. ऐसे में अमित शाह का केशव प्रसाद मौर्य को “मित्र” कहकर संबोधित करना, यह साफ संकेत देता है कि मौर्य भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के करीबी नेताओं में शामिल हैं.

इसके अलावा, यह भी उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले जब सीएम योगी और केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली में मौजूद थे, तब दोनों ने अलग-अलग शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी, जिससे उनके बीच टकराव की खबरों को और बल मिला था.

ओबीसी वर्ग का बड़ा चेहरा माने जाते हैं केशव प्रसाद मौर्य
विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान जब बीजेपी को बहुमत मिला था, उस वक्त केशव प्रसाद मौर्य का नाम मुख्यमंत्री पद की रेस में भी प्रमुखता से चल रहा था. मौर्य न केवल उपमुख्यमंत्री हैं बल्कि ओबीसी वर्ग का एक बड़ा चेहरा माने जाते हैं, और पार्टी के सामाजिक समीकरणों में उनकी भूमिका अहम रही है.

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