G7 Summit 2025:पीएम मोदी और कार्नी की बैठक में हुआ बड़ा निर्णय, ‘उच्चायुक्तों की बहाली’ पर बनी सहमति

भारत और कनाडा के पीएम संग मुलाकात ने आपसी तकनीकी, शिक्षा, कृषि और ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में विशाल संभावनाओं पर काम करने के लिए सहमत हुए है. कार्नी ने खुद AI और एनर्जी सेक्टर में सहयोग की संभावना जताई है. इसके अलावा खालिस्तान जैसे संवेदनशील मुद्दों पर स्पष्ट और मजबूत कूटनीतिक समझदारी क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मददगार साबित हो सकती है. बता दें कि मार्क कार्नी का मोदी को जी7 के लिए आमंत्रित करना और खालिस्तान समर्थकों की आपत्ति को नजरअंदाज करना स्पष्ट करता है कि नई सरकार भारत को एक रणनीतिक सहयोगी के रूप में देख रही है.
PM मार्क कार्नी और मोदी का बयान
कार्नी से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत और कनाडा के संबंध कई प्रकार से बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. कनाडा की अनेक कंपनियों का भारत में निवेश है. भारत और कनाडा के संबंध लोकतांत्रिक मूल्यों पर समर्पित है. इसके लिए हमें लोकतंत्र और मानवता को मजबूत करना होगा. वहीं कनाडाई पीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का जी G7 में मेजबानी करना बहुत सम्मान की बात है. मुझे लगता है कि भारत 2018 से G7 में आ रहा है और यह आपके देश के महत्व, आपके नेतृत्व और उन मुद्दों के महत्व का प्रमाण है. हम मिलकर ऊर्जा सुरक्षा, ऊर्जा परिवर्तन, AI फ्यूचर अंतरराष्ट्रीय दमन और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और दूसरे मुद्दों से निपटना चाहते हैं. हम मिलकर काम कर सकते हैं, आपका यहां होना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है.
हाल के दिनों में भारत-कनाडा के बीच संबंध
भारत और कनाडा के बीच संबंध हाल के दिनों में सामान्य नहीं रहे हैं. खासकर 18 सितंबर 2023 को जब कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में संलिप्तता के आरोप लगाए, तब दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया. इस विवाद के चलते भारत ने कनाडा के छह अधिकारियों को निष्कासित किया. कनाडा ने भी भारतीय उच्चायुक्त सहित अधिकारियों की राजनयिक छूट समाप्त कर दी. अक्टूबर 2024 तक दोनों देशों में कोई उच्चायुक्त तैनात नहीं था. इस घटनाक्रम ने दशकों पुराने रिश्ते में अस्थिरता और अविश्वास का माहौल पैदा कर दिया था.