India-Iran Airlift:ईरान में फंसे 10 हजार भारतीयों की वापसी के लिए वायुसेना ने बनाया जबरदस्त प्लान, सिग्नल मिलते ही शुरू होगा ऑपरेशन

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 ईरान से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए भारतीय वायुसेना अलर्ट पर है. सूत्रों के मुताबिक सरकार से आदेश मिलने पर वायुसेना के एयरक्राफ्ट आर्मेनिया या फिर दूसरे पड़ोसी देशों में जा सकते हैं, जहां भारतीयों को जाने के लिए कहा गया है. क्योंकि जंग के कारण ईरान की एयर-स्पेस पूरी तरह बंद है.

सूत्रों के मुताबिक, ऐसी विषम परिस्थितियों के लिए भारतीय वायुसेना का एयरलिफ्ट प्लान हमेशा तैयार रहता है. इस तरह के मिशन के लिए वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर, आईएल-76 और सी-130जे सुपर हरक्युलिस मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया जाता है.

ईरान में करीब 10 हजार भारतीय
ईरान में करीब 10 हजार भारतीय हैं, जिन्हें सुरक्षित निकालने की जरूरत पड़ सकती है. इनमे से बड़ी संख्या में जम्मू कश्मीर के रहने वाले छात्र हैं, जो पढ़ाई के लिए ईरान गए हुए हैं. भारत के विदेश मंत्रालय ने सभी भारतीयों को जल्द से जल्द ईरान की राजधानी तेहरान छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी है. साथ ही ईरान से सटे पड़ोसी देश आर्मेनिया जाने के लिए भी कहा गया है. माना जा रहा है कि जरुरत पड़ने पर सरकार आर्मेनिया से एयरलिफ्ट कर सकती है.

इराक, सीरिया और जॉर्डन की एयरस्पेस बंद
ईरान के अलावा पड़ोसी देश इराक, सीरिया और जॉर्डन की एयरस्पेस भी बंद है. ऐसे में आर्मेनिया ही ऐसा देश है, जहां से भारत अपने नागरिकों को सुरक्षित एयरलिफ्ट कर सकता है. आर्मेनिया से भारत के मित्रवर संबंध हैं. खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बाबत, आर्मेनिया के समकक्ष अरारात मिर्जयोन से फोन पर बात की है. जयशंकर ने यूएई के विदेश मंत्री (और उप-प्रधानमंत्री) एबी जायद से भी फोन पर बात की है.

भारतीय वायुसेना का एयरलिफ्ट
हाल के सालों में भारतीय वायुसेना ने रूस-यूक्रेन युद्ध (2022) हो या फिर सूडान का गृह युद्ध (2023), भारतीय नागरिकों को सुरक्षित लाने में कामयाबी पाई है. रूस-यूक्रेन जंग के दौरान ऑपरेशन गंगा के तहत भारत ने करीब 22 हजार नागरिकों को सुरक्षित निकाला था. उस दौरान, एयर इंडिया के विमानों के साथ-साथ वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया था. सूडान में हुए गृह युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन कावेरी के लिए सी-10 के अलावा सी-130जे सुपर हरक्युलिस विमानों को भी वॉर-जोन में उतार दिया था. भारतीय नौसेना ने भी ऑपरेशन कावेरी के दौरान भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने में अहम योगदान दिया था.

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