सम्पादकीय

Donald Trump on Nobel Peace Prize: ‘नोबेल शांति पुरस्कार सिर्फ लिबरल्स को ही मिलता है’, आखिर क्यों भड़के ट्रंप?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर खुद के लिए नोबेल शांति पुरस्कार की मांग की है. न्यू जर्सी में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करवाने में अहम भूमिका निभाने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए था.

उन्होंने कहा, “मुझे शांति पुरस्कार मिलना चाहिए, खासकर भारत और पाकिस्तान के मामले में. यह बहुत बड़ा और कठिन काम था.” ट्रंप ने नोबेल कमेटी पर भी निशाना साधा और कहा कि यह पुरस्कार अक्सर उन्हीं लोगों को मिलता है जो लिबरल यानी उदारवादी विचारधारा से जुड़े होते हैं.

भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर ट्रंप का बड़ा दावा

डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया से बात करते हुए बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा कि मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच जब तनाव चरम पर था, तब उन्होंने व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप कर सीजफायर करवाने में मदद की. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर से संपर्क किया और दोनों पक्षों को बातचीत के लिए तैयार किया.

भारत ने किया ट्रंप के दावों को खारिज

हालांकि, भारत सरकार ने इन दावों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया. भारत का कहना है कि यह सीजफायर दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के सीधे संवाद का नतीजा था और इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी.

पाकिस्तान ने की ट्रंप को नोबेल प्राइज देने की मांग

पाकिस्तान ने भी ट्रंप का नाम नोबेल शांति पुरस्कार के लिए प्रस्तावित किया है. पाकिस्तानी सरकार का कहना है कि हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के समय ट्रंप ने महत्वपूर्ण कूटनीतिक हस्तक्षेप और मजबूत नेतृत्व दिखाया, जिसके चलते उन्हें यह नामांकन दिया गया है. हालांकि, खुद ट्रंप का मानना है कि भले ही उन्होंने कितने ही बड़े काम क्यों न किए हों, उन्हें यह पुरस्कार कभी नहीं मिलेगा.

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