सम्पादकीय

Iran-Israel Conflict:खामेनेई को लेकर इजरायली सेना को मिला था खास निर्देश, योआव गैलेंट ने कहा- ‘हमारी पहुंच…’

 ईरान और इजरायल के बीच 13 जून से शुरू हुए संघर्ष ने मध्य-पूर्व की राजनीति को एक बार फिर हिला कर रख दिया है. अब इस संघर्ष से जुड़ा एक चौंकाने वाला खुलासा इजरायल के रक्षा मंत्री इसराइल कैट्ज ने किया है. उन्होंने साफ तौर पर स्वीकार किया कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की हत्या की योजना बनाई गई थी, लेकिन परिस्थितियां अनुकूल नहीं होने के कारण उसे अंजाम नहीं दिया जा सका.

चैनल 13 को दिए एक इंटरव्यू में इजरायल के रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी मंशा स्पष्ट थी. अगर वह हमारी रेंज में होते तो हम उन्हें खत्म कर देते. हमें ऐसे मामलों के लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं होती. यह बयान बताता है कि इजरायल ने इस योजना को स्वतंत्र ऑपरेशन के रूप में तैयार किया था और अमेरिका से किसी तरह की हरी झंडी नहीं मांगी गई थी.

इजरायली मंत्री योआव गैलेंटट का खामेनेई को लेकर बयान
इजरायली मंत्री योआव गैलेंट ने खामेनेई की तुलना आधुनिक हिटलर से करते हुए बयान दिया कि इजरायली सेना को निर्देश दिए गए थे कि युद्ध के उद्देश्य पूरे करने के लिए खामेनेई अब जिंदा नहीं रहना चाहिए. इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि ईरान के शीर्ष नेतृत्व को सैन्य निशाना बनाना इजरायल की रणनीति का हिस्सा था.

खामेनेई की प्रतिक्रिया: हमने अमेरिका को तमाचा मारा
19 जून के बाद पहली बार 86 वर्षीय अयातुल्ला खामेनेई गुरुवार (26 जून) को सार्वजनिक रूप से सामने आए. उन्होंने ईरानी टीवी पर प्रसारित एक भाषण में कहा कि कतर स्थित अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइल हमले के जरिए ईरान ने अमेरिका के मुंह पर तमाचा मारा है. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उकसाया गया तो ईरान और भी जवाबी कार्रवाई करेगा. ट्रंप के “परमाणु क्षमता तबाह” वाले बयान को भी उन्होंने झूठा बताया.

अंडरग्राउंड बंकर में छिपे सुप्रीम लीडर खामेनेई
सूत्रों के अनुसार, तेहरान में एक अत्यधिक सुरक्षित अंडरग्राउंड बंकर में सुप्रीम लीडर खामेनेई अपने बेटे मोजतबा के साथ छिपे हुए थे. यह कदम 13 जून से शुरू हुए इजरायली हवाई हमलों के बाद उठाया गया था, जिसमें ईरान के कई परमाणु वैज्ञानिकों और सैन्य कमांडरों को मार गिराया गया था. इस संघर्ष के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू दोनों ने संकेत दिए थे कि खामेनेई को व्यक्तिगत खतरा है.आखिरकार 12 दिनों तक चले संघर्ष के बाद अमेरिका की मध्यस्थता में एक युद्धविराम हुआ, जिसके तहत दोनों देशों ने पीछे हटने का फैसला किया. यह युद्धविराम क्षेत्रीय तनाव को अस्थायी रूप से शांत करने में सफल रहा, लेकिन खामेनेई की हत्या की योजना का खुलासा एक नई आग को हवा दे सकता है.

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