सरोगेसी के नाम पर 35 लाख की ठगी, असम से 90 हजार में खरीदकर कपल को सौंपा बच्चा – बड़ा रैकेट बेनकाब

यह मामला तब सामने आया जब राजस्थान के एक दंपति ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके द्वारा सरोगेसी के लिए दी गई 35 लाख रुपये की राशि के बावजूद जन्मे बच्चे का डीएनए उनके साथ मेल नहीं खाता.
बच्चा खरीदकर सरोगेसी के नाम पर बेचा
पुलिस जांच में पता चला कि क्लिनिक ने असम के एक गरीब दंपति से 90,000 रुपये में बच्चा खरीदा और उसे सरोगेसी के नाम पर दंपति को सौंप दिया. हैदराबाद के उत्तरी क्षेत्र की डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) रश्मि पेरुमल ने कहा, “यह रैकेट गरीब लोगों को लालच देकर अवैध सरोगेसी और प्रजनन सामग्री की तस्करी में शामिल था.”
जांच में यह भी सामने आया कि इंडियन स्पर्म टेक, जो बिना लाइसेंस के काम कर रहा था, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में शुक्राणु और अंडाणु की तस्करी करता था. पुलिस ने बताया कि क्लिनिक ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाए और गैर-कानूनी तरीके से प्रजनन सामग्री एकत्र की.
तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा ?
पुलिस ने बताया कि डॉ. नम्रता के खिलाफ पहले भी 10 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं और 2021 में क्लीनिक का लाइसेंस रद्द किया गया था, फिर भी यह गैर-कानूनी गतिविधियां चला रहा था. तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राजनरसिम्हा ने कहा, “हमने सभी फर्टिलिटी सेंटरों की सख्त जांच के आदेश दिए हैं ताकि ऐसी धोखाधड़ी रोकी जा सके.”
एक स्थानीय निवासी रमेश शर्मा ने कहा, “ऐसे क्लीनिक लोगों की भावनाओं के साथ खेलते हैं. सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.” पुलिस ने बच्चे को शिशु विहार भेज दिया है और मामले की गहन जांच जारी है.