एलडीए की 15 साल से खाली पड़ी 100 दुकानें: ‘पहले आओ, पहले पाओ’ नीति के तहत की जाएंगी बिक्री; 40 भूखंडों का लेआउट होगा संशोधित

15 साल से 100 से ज्यादा दुकानें खाली शहर की कई आवासीय योजनाओं में एलडीए ने बाजार भी विकसित किए हैं, लेकिन इनमें से कई जगहों पर 100 से ज्यादा दुकानें पिछले 15 वर्षों से खाली पड़ी हैं। नीलामी प्रक्रिया कई बार अपनाई गई, पर कीमतें अधिक होने की आशंका और दुकानों की खराब हालत के कारण खरीदार आगे नहीं आए। 40 से ज़्यादा भूखंडों का लेआउट बदलेगा एलडीए अब अपनी सात आवासीय योजनाओं में खाली पड़े 40 से अधिक भूखंडों का लेआउट और भू-उपयोग बदलने जा रहा है। ये भूखंड पहले पोस्ट ऑफिस, फायर स्टेशन, थाने और सामुदायिक केंद्र जैसी सार्वजनिक सुविधाओं के लिए आरक्षित थे, लेकिन संबंधित विभागों द्वारा इन्हें न लिए जाने और बिक्री न होने के कारण एलडीए ने अब इन्हें आवासीय और व्यावसायिक उपयोग के लिए खोलने का निर्णय लिया है।
बजट में रिकॉर्ड बढ़ोतरी एलडीए अपने बजट में 12,504.97 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बढ़ोतरी करने जा रहा है। यह धनराशि मुख्य रूप से नई आवासीय योजनाओं, अपार्टमेंट निर्माण और जमीन अधिग्रहण पर खर्च की जाएगी। इस प्रस्ताव के अनुसार, दो नई योजनाओं की जमीन अधिग्रहण से लेकर फ्लैट व मकानों के निर्माण तक के काम किए जाएंगे।
योजनाओं पर प्रस्तावित खर्च: योजना का नाम प्रस्तावित खर्च (करोड़ रुपए)
- वरण विहार आवासीय योजना 7471.93
- नैमिष नगर योजना 4785.34
- विराजखण्ड अपार्टमेंट निर्माण 50.00
- गोमतीनगर विस्तार में अपार्टमेंट 50.00
- बसंतकुंज में मैंगो थीम पार्क 7.50
- ऐशबाग मिल रोड पर अपार्टमेंट 50.00
- एकीकृत मण्डलीय कार्यालय निर्माण 50.00
- लोहिया पार्क में सिंथेटिक ट्रैक 4.50
- बसंतकुंज में आयुर्वेदा पार्क 3.20
- वेलनेस सिटी का विकास प्रस्तावित