एक्सिस म्यूचुअल फंड फ्रंट-रनिंग घोटाला: ईडी ने देशभर के प्रमुख शहरों में की छापेमारी।

ED ने जांच मुंबई पुलिस की उस FIR के बाद शुरू की, जो दिसंबर 2024 में दर्ज की गई थी. FIR में आरोप है कि वीरेश जोशी, जो उस वक्त एक्सिस म्यूचुअल फंड में फंड मैनेजर थे, उन्होंने गुप्त ट्रेडिंग जानकारी का गलत इस्तेमाल कर फ्रंट-रनिंग ट्रेडिंग की. इसके जरिए उन्होंने और कुछ अन्य लोगों ने करोड़ों का गलत फायदा उठाया.
खुद के लिए खरीद-बिक्री गैर-कानूनी
फ्रंट-रनिंग एक ऐसा तरीका है, जिसमें ट्रेडर्स या ब्रोकर किसी बड़ी कंपनी (जैसे म्यूचुअल फंड) की ट्रेडिंग से पहले ही खुद के लिए खरीद-बिक्री कर लेते है. उन्हें पता होता है कि कंपनी कौन-सा स्टॉक खरीदेगी या बेचेगी और इसी जानकारी से वो पहले ही फायदा उठा लेते हैं. ये तरीका पूरी तरह गैर-कानूनी है और बाकी निवेशकों को नुकसान पहुंचाता है.
ED के मुताबिक, आरोपी वीरेश जोशी ने दुबई में बैठे एक शख्स की मदद से कुछ फर्जी अकाउंट्स के जरिए ये ट्रेड करवाई. दूसरे ब्रोकरों ने भी एक्सिस म्यूचुअल फंड की ट्रेडिंग से पहले की जानकारी का गलत इस्तेमाल किया और करोड़ों का मुनाफा कमाया. अब तक की जांच में सामने आया है कि इससे 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का फ्रॉड हुआ है और ये अमाउंट आगे और बढ़ सकता है.
गैर-कानूनी कमाई की हुई हेराफेरी
ED की शुरुआती जांच में ये भी पता चला है कि इन गैर-कानूनी कमाई को शेल कंपनियों और फर्जी बैंक अकाउंट्स के जरिए इधर-उधर घुमाया गया. इन अकाउंट्स का कनेक्शन आरोपियों, उनके रिश्तेदारों और करीबी लोगों से है. ED इन सभी लेन-देन और मनी ट्रेल्स की जांच कर रही है. सभी एंगल्स पर छानबीन की जा रही है कि कौन-कौन लोग इस नेटवर्क में शामिल थे और कितनी रकम की हेरा-फेरी हुई