सहारनपुर: अब 100 वर्गमीटर तक के आवासीय निर्माण के लिए नहीं चाहिए मानचित्र, सिर्फ 1 रुपये की टोकन राशि देकर ऑनलाइन करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन।

अब सिर्फ एक रुपए की टोकन राशि के साथ ऑनलाइन पंजीकरण कराकर निर्माण कार्य शुरू किया जा सकेगा। यह कदम आम नागरिकों को बिना किसी झंझट के अपना छोटा मकान या दुकान बनाने की सुविधा प्रदान करेगा।
300 वर्गमीटर तक मानचित्रों में भी दी गई राहत
शासन ने 300 वर्गमीटर तक के आवासीय मानचित्रों में भी कुछ शर्तों के साथ छूट दी है। इस श्रेणी में आने वाले भवन निर्माण के लिए यह अनिवार्य होगा कि भवन निर्माण पूरी तरह से भवन उपविधियों के अनुरूप हो और इसके लिए रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
तत्काल स्वीकृति की व्यवस्था
अब 500 वर्गमीटर तक के आवासीय एवं 200 वर्गमीटर तक के व्यवसायिक मानचित्रों को स्वीकृत तलपट मानचित्र के तहत तत्काल स्वीकृत किए जाने का प्रावधान किया गया है। इससे बड़े भूखंडों पर निर्माण करने वालों को समय पर अनुमति मिल सकेगी और परियोजनाओं में अनावश्यक विलंब नहीं होगा।
सेटबैक में निर्माण को शमन करने की व्यवस्था
नई व्यवस्था के तहत सेटबैक (नियमित भवन से खाली छोड़ी जाने वाली जगह) में किए गए निर्माण को शमन (नियमन) करने की प्रक्रिया भी निर्धारित की गई है। इसमें फ्रंट सेटबैक को पूरी तरह खाली छोड़ना अनिवार्य किया गया है, ताकि सड़कें और गलियां अवरुद्ध न हों।
महायोजना मार्गों पर व्यवसायिक उपयोग की अनुमति
सरकार ने स्वीकृत और नियमित कॉलोनियों के उन आवासीय भूखंडों को व्यवसायिक में परिवर्तित करने की भी अनुमति दे दी है जो 18 मीटर से अधिक चौड़े महायोजना मार्ग पर स्थित हैं। इससे मुख्य मार्गों पर व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
ग्रीन स्पेस और चौड़ाई में भी राहत
नई भवन उपविधियों में स्वीकृति के लिए बनने वाले तलपट मानचित्रों में ग्रीन स्पेस और मार्गों की चौड़ाई में भी छूट दी गई है। यह खासकर उन भूखंडों के लिए सहायक होगा जहां सीमित स्थान में निर्माण की योजना है।
एमएसएमई इकाइयों को भी फायदा
सरकार ने कृषि भूमि उपयोग वाले क्षेत्रों में एमएसएमई इकाइयों को राहत दी है। अब कम से कम 7 मीटर चौड़े मार्ग पर भी व्यवसायिक निर्माण की अनुमति दी जाएगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
नई नियमावली के लागू होने से न केवल आम जनता को सहूलियत मिलेगी बल्कि भवन निर्माण की प्रक्रिया भी अधिक पारदर्शी और सरल हो सकेगी। स्थानीय निकायों को निर्देशित किया गया है कि वे इन प्रावधानों को तत्काल प्रभाव से लागू करें।