सालों से बंद पड़ा सामुदायिक शौचालय: सेमराहना गांव में लाखों की लागत के बावजूद बेकार, ग्रामीण अब भी खुले में शौच करने को मजबूर

स्थानीय निवासी राजकुमार और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि इस सामुदायिक शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं है। साफ-सफाई का भी कोई इंतजाम नहीं है। बाहर लगा बोरिंग भी बंद पड़ा है और उससे पानी नहीं आता।
शौचालय की स्थिति अत्यंत खराब है। इसके दरवाजों में जंग लग गया है। आसपास गंदगी फैली हुई है और झाड़ियां उग आई हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, यह शौचालय स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत बनाया गया था। लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही और ग्राम प्रधान एवं सचिव की मिलीभगत के कारण इसका लाभ किसी को नहीं मिल सका है।
सूत्रों का कहना है कि पंचायत फंड से रखरखाव और साफ-सफाई के नाम पर हर वर्ष खर्च दिखाया जाता है। लेकिन वास्तविकता में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक उदासीनता के कारण यह राशि केवल कागजों तक ही सीमित रह गई है।
इस मामले पर ग्राम प्रधान से संपर्क करने की कोशिश की गई। लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। इस स्थिति के कारण सेमराहना गांव के लोग अब भी खुले में शौच करने को मजबूर हैं।




