एम्स गोरखपुर की नई पहल: अब तीमारदारों को केवल 10 रुपए में मिलेगा रैन बसेरा, मिली बड़ी राहत

पूर्वांचल, बिहार और नेपाल से रोजाना चार से पांच हजार मरीज एम्स गोरखपुर आते हैं। इनके साथ 3-4 तीमारदार भी होते हैं। पहले इन्हें रुकने की व्यवस्था न होने से सीढ़ियों, लॉन या पेड़ों के नीचे रात गुजारनी पड़ती थी। अब प्रशासन ने स्वच्छ, सुरक्षित और किफायती ठहराव का विकल्प उपलब्ध कराया है।
एम्स प्रशासन इस सुविधा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चला रहा है। ओपीडी, इमरजेंसी, ऑपरेशन थिएटर और वार्डों के पास स्थायी सूचना बोर्ड लगाए जा रहे हैं। इससे तीमारदारों को सटीक जानकारी मिलेगी और वे आसानी से रैन बसेरे तक पहुंच सकेंगे।
एम्स ने यह पहल जुलाई में शुरू की थी। पहले शुल्क 75 रुपए से घटाकर 30 रुपए किया गया। अब 1 अगस्त से इसे और कम करके 10 रुपए प्रति रात कर दिया गया है। एक महीने में ही 65 रुपए की कमी की गई है। इससे गरीब और दूर-दराज से आने वाले तीमारदारों को सीधा फायदा मिलेगा।
नाइट शेल्टर में कुल 145 बेड हैं। नई दर लागू होने के पहले ही दिन 22 बेड बुक हुए। वर्तमान में रोजाना औसतन 100 से अधिक तीमारदार यहां ठहरते हैं। प्रशासन को उम्मीद है कि आगे यह संख्या और बढ़ेगी।
एम्स की कार्यकारी निदेशक डॉ. विभा दत्ता ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हर मरीज के साथ आया व्यक्ति सम्मानजनक ढंग से ठहर सके। रैन बसेरा केवल एक सुविधा नहीं बल्कि चिकित्सा प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा है।