महाहर धाम में श्रद्धालुओं का सैलाब: अंतिम सावन सोमवार को कांवरियों ने किया शिव जलाभिषेक, आधी रात से लगी रही कतारें

गाजीपुर स्थित प्राचीन महाहर धाम में सावन के अंतिम सोमवार पर श्रद्धा की बाढ़ उमड़ पड़ी। हजारों की संख्या में आए कांवरियों ने भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। मंदिर प्रांगण सहित पूरे मार्ग में आस्था का दृश्य देखने लायक था।
इस ऐतिहासिक स्थल की मान्यता बेहद खास मानी जाती है। लोक मान्यता है कि यहां राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के उद्देश्य से शिवलिंग की स्थापना की थी। यही वह स्थान माना जाता है, जहां श्रवण कुमार को राजा दशरथ का तीर लगा था। शाप से मुक्ति के लिए दशरथ ने यहां भगवान शिव की अराधना की थी, जिसके फलस्वरूप उन्हें राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न जैसे चार पुत्र प्राप्त हुए।
रविवार शाम से ही जिले के विभिन्न गंगा घाटों से जल लेकर श्रद्धालु महाहर धाम की ओर कूच कर गए थे। डीजे की धुन पर नाचते-गाते शिवभक्त, रातभर सड़कों पर भोलेनाथ की जय-जयकार करते नजर आए। आधी रात के बाद मंदिर परिसर में जलाभिषेक के लिए लंबी कतारें लग गई थीं।
गाजीपुर के ददरी घाट से हजारों श्रद्धालुओं ने कांवड़ यात्रा की शुरुआत की, जो पैदल, साइकिल, बाइक, कार और ई-रिक्शा से धाम पहुंचे। श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाकर पूजा-अर्चना की। मार्ग में सेवा समितियों द्वारा जगह-जगह भंडारे और जलपान की व्यवस्था की गई थी, जहां श्रद्धालुओं को गर्म-ठंडा पेय और आराम की सुविधा दी गई।
धाम परिसर में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर विशेष प्रबंध किए गए थे। मंदिर क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे, बैरिकेडिंग, फायर ब्रिगेड, पीएसी, और पुलिस बल तैनात था। महिला कांस्टेबल, पुरुष कांस्टेबल, होमगार्ड, सब-इंस्पेक्टर और अन्य सुरक्षा कर्मी मौके पर मुस्तैद रहे।
मंगला आरती के साथ शिवलिंग के दर्शन के लिए मंदिर के द्वार तड़के खोले गए और पूरा वातावरण “हर-हर महादेव” के जयघोष से गूंज उठा।