कर्तव्य भवन के लोकार्पण पर प्रधानमंत्री मोदी बोले – ‘यह भवन देश के नागरिकों के सपनों को साकार करने की भूमि है’।

सिर्फ इमारत नहीं, राष्ट्र निर्माण का प्रतीक– पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि कर्तव्य भवन सहित नया संसद भवन, नया रक्षा भवन, भारत मंडपम और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक सिर्फ साधारण इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं हैं. यहीं विकसित भारत की नीतियां बनेंगी, महत्वपूर्ण निर्णय होंगे और आने वाले समय में यहीं से राष्ट्र की दिशा तय होगी”.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कर्तव्य शब्द भारतीय संस्कृति में केवल दायित्व तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कर्मप्रधान जीवन दर्शन का सार है. ये इमारत का नाम भर नहीं है. यह करोड़ों देशवासियों के सपनों को साकार करने की तपोभूमि है. कर्तव्य ही आरंभ है, मां भारती की प्राण ऊर्जा का वाहक है.”
कर्तव्य भवन में कर्मचारियों के लिए आधुनिक सुविधाएं मौजूद- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा, “21वीं सदी के भारत को ऐसे प्रशासनिक भवन चाहिए, जहां कर्मचारी सहज हों, फैसले तेज हों और सेवाएं सुगम हों. कर्तव्य भवन में रूफटॉप सोलर पैनल, ऊर्जा दक्ष डिज़ाइन और कर्मचारियों के लिए आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं. सरकार ऐसे और कई कर्तव्य भवनों का निर्माण कर रही है, ताकि मंत्रालय नजदीक‑नजदीक शिफ्ट होकर बेहतर समन्वय के साथ काम कर सकें.”
पहले किराये पर ही खर्च होते थे 1500 करोड़- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, “पहले भारत सरकार के कई मंत्रालय दिल्ली में 50 अलग-अलग स्थानों से संचालित होते थे, जिनमें से अधिकतर किराए के भवनों में थे. सिर्फ किराए पर ही हर साल लगभग 1,500 करोड़ रुपये खर्च होते थे. अब एकीकृत भवन बनने से प्रशासनिक खर्च घटेगा और कामकाज की गति बढ़ेगी.”
देश में हो रहा व्यापक बुनियादी ढांचा का विकास- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में देशभर में चल रहे निर्माण कार्यों का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा, “अब तक 30,000 से ज्यादा पंचायत भवन, 4 करोड़ से अधिक पक्के घर गरीबों के लिए, 300 से ज्यादा नए मेडिकल कॉलेज, 1,300 से ज्यादा अमृत भारत रेलवे स्टेशन और करीब 90 नए एयरपोर्ट तैयार या निर्माणाधीन हैं.”
पीएम मोदी ने कहा, “पिछला एक दशक गुड गवर्नेंस का दशक रहा है. जब सरकार अपने कर्तव्यों को गंभीरता से निभाती है, तो उसका असर गवर्नेंस में भी साफ दिखता है.”