‘भारत पर टैरिफ लगाने से पुतिन…’, अब अपने ही घर में घिरने लगे ट्रंप; किसने सुना दीं खरी-खोटी?

अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति (डेमोक्रेट्स की समिति) ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने पर असहमति जताई. समिति का कहना है कि भारत पर टैरिफ लगाने से व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन युद्ध जारी रखने से नहीं रोका जा सकता. समिति के अनुसार, ट्रंप पुतिन को सबक सिखाने के लिए यूक्रेन को सैन्य सहायता दे सकते हैं.
डेमोक्रेटिक पैनल ने कहा, “भारत पर टैरिफ़ लगाने से पुतिन नहीं रुकेंगे, अगर ट्रंप वाकई यूक्रेन पर रूस की तरफ से किए जा रहे हमले का समाधान चाहते हैं तो शायद पुतिन को सज़ा दें और यूक्रेन को ज़रूरी सैन्य सहायता दें. बाकी सब तो बस दिखावा है.”
डेमोक्रेटिक पैनल ने क्या कहा ?
डेमोक्रेटिक पैनल की यह टिप्पणी अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट द्वारा नई दिल्ली पर रूसी तेल व्यापार के खिलाफ टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी के जवाब में आई है. ब्लूमबर्ग संग एक इंटरव्यू में बेसेंट ने कहा कि टैरिफ में वृद्धि अलास्का में पुतिन के साथ ट्रंप की महत्वपूर्ण बैठक के परिणाम पर निर्भर करती है, जो आज प्रोडक्टिव टॉक के साथ खत्म हुई.
Tariffing India won’t stop Putin.
If Trump really wanted to address Russia’s illegal invasion of Ukraine, maybe punish Putin and give Ukraine the military aid it needs.
Everything else is smoke and mirrors. pic.twitter.com/TxzqhpaKGt
— House Foreign Affairs Committee Dems (@HouseForeign) August 15, 2025
उन्होंने कहा, “हमने रूसी तेल ख़रीदने वाले भारतीयों पर द्वितीय टैरिफ लगा दिया है, और मैं देख सकता हूं कि अगर चीज़ें ठीक नहीं रहीं तो प्रतिबंध या टैरिफ और बढ़ा सकते हैं. मुझे लगता है कि राष्ट्रपति पुतिन से हर कोई निराश है. हमें उम्मीद थी कि वह ज़्यादा खुलकर बातचीत करेंगे. ऐसा लग रहा है कि वह बातचीत के लिए तैयार हैं.”
‘रूस के कच्चे तेल का मुख्य खरीदार चीन है’
बेसेंट से जब कहा गया कि रूस के कच्चे तेल का मुख्य खरीदार तो चीन है. इस पर उन्होंने कहा, “मैं राष्ट्रपति से आगे नहीं जाऊंगा, लेकिन राष्ट्रपति अपनी तरफ से दबाव बनाने में माहिर हैं. वो राष्ट्रपति पुतिन को स्पष्ट कर देंगे कि सभी विकल्प मौजूद हैं.”
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