सम्पादकीय

मोहम्मद रफी का बेटा आशा-लता को झूठा कहता है, बाप के खिलाफ नहीं सुनूंगा।

मोहम्मद रफी के बेटे का आशा भोसले और लता मंगेशकर पर आरोप

हाल ही में मोहम्मद रफी के बेटे, शाहिद रफी ने दो प्रसिद्ध गायिकाओं, आशा भोसले और लता मंगेशकर, पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि ये दोनों महान गायक उनके पिता के करियर को बर्बाद करने में शामिल थे। शाहिद ने उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा कि शर्म आनी चाहिए, क्योंकि इस उम्र में उनका ऐसा व्यवहार अविश्वसनीय है।

मोहम्मद रफी ने अपने जीवन में कई हिट गाने दिए, और उन्हें भारतीय संगीत उद्योग में एक अद्वितीय स्थान प्राप्त था। शाहिद ने कहा कि उनकी मां, पार्वती, भी इन गायकाओं के व्यवहार से निराश थीं। उन्होंने आशा और लता को यह कहकर चुनौती दी कि वह अपने पिता के बारे में झूठी बातें फैलाना बंद करें।

करियर बर्बादी का आरोप

शाहिद का कहना है कि आशा भोसले और लता मंगेशकर ने उनके पिता की लोकप्रियता को कम करने के लिए जानबूझकर प्रयास किए। उन्होंने यह आरोप लगाया कि आशा ने कहा था कि उनके पिता को गिनीज़ रिकॉर्ड से रोका गया था। रफी के करियर के दौरान, कई विवाद सामने आए थे, लेकिन शाहिद का यह कहना है कि आशा और लता के कारण उनके पिता को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा।

पुरानी यादें और परिवार का संघर्ष

शाहिद ने याद करते हुए कहा कि उनके पिता हमेशा अपने काम के प्रति समर्पित रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद, कई बार उन्हें अपने साथियों से संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने बताया कि कैसे उनके पिता को उनके करियर के दौरान कई बार प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा।

आशा भोसले और लता का जवाब

हालांकि आशा भोसले और लता मंगेशकर की ओर से किसी उत्तर की अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन संगीत उद्योग में उनके योगदान और स्थायी मानवीयता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। वर्षो से, ये गायिकाएँ भारतीय संगीत का अभिन्न हिस्सा रही हैं और इनके गाने आज भी सुनने में आनंद देते हैं।

मोहम्मद रफी की छवि

मोहम्मद रफी को एक पवित्र व्यक्तित्व माना जाता है, और उन्हें अपने गीतों के लिए जाना जाता है। उनके गाने आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। उनकी गायकी का कोई विकल्प नहीं है, और उनका योगदान भारतीय संगीत में मंदिर की तरह है।

व्यक्तिगत जीवन और संघर्ष

शाहिद ने यह भी बताया कि उनके पिता ने कभी भी किसी प्रकार के विवादों में भाग नहीं लिया। वे हमेशा अपने काम को महत्व देते थे। परिवार के सदस्यों के लिए यह कठिन था क्योंकि उन्हें कई बार संदेहास्पद व्यवहार का सामना करना पड़ा। उनके परिवार ने हमेशा अपनी गरिमा बनाये रखी।

निष्कर्ष

शाहिद रफी का आरोप संगीत जगत में हलचल पैदा करने वाला है। आशा भोसले और लता मंगेशकर की प्रतिष्ठा के खिलाफ इस तरह के आरोप लगाने से यह स्पष्ट है कि कुछ गाने और कलाकारों के बीच पुरानी प्रतिस्पर्धा आज भी जीवित है। यद्यपि संगीत इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा सामान्य है, मोहम्मद रफी का नाम हमेशा एक आदर्श बने रहेगा। उनके परिवार की भावनाएँ भी समझी जानी चाहिए, लेकिन संगीत की दुनिया में सभी कलाकारों के प्रति सम्मान होना चाहिए।

मोहम्मद रफी की विरासत के प्रति सच्ची निष्ठा रखना अति आवश्यक है, और हमें उम्मीद है कि इस विवाद का समाधान जल्द होगा ताकि संगीत को अपनी सही पहचान मिल सके।

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