बालेंद्र शाह ने बताया क्यों ठुकराया नेपाल के पीएम का पद, सुशीला कार्की को मिलेगा पूरा समर्थन

सुशीला कार्की को फुल सपोर्ट रहेगा: बालेंद्र शाह ने बताया क्यों ठुकराया नेपाल के पीएम का पद
नेपाल की राजनीति में हाल ही में सुशीला कार्की का नाम चर्चा में है। नेपाल के पूर्व पीएम बालेंद्र शाह ने स्पष्ट किया है कि वे इस पद के लिए नहीं आएंगे और उन्होंने सुशीला कार्की को फुल सपोर्ट देने का वादा किया है। बालेंद्र का कहना है कि सुशीला कार्की की क्षमता और अनुभव ने उन्हें यह तय करने में मदद की कि वे इस समय का नेतृत्व करने वाली सही व्यक्ति हैं। सुशीला कार्की ने अपनी पूरे जीवन में न्यायपालिका में काम किया है और उनके अनुभव के कारण वे इस पद के लिए सही व्यक्ति मानी जा रही हैं।
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सुशीला कार्की ने हाल ही में भारत के साथ संबंधों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि “जब रसोई में बर्तन होते हैं तो उनके बीच सामंजस्य जरूरी होता है।” इससे स्पष्ट होता है कि वे नेपाल और भारत के बीच की जटिलताओं को समझती हैं। उन्होंने भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में भी सकारात्मक बातें की। कार्की का मानना है कि दोनों देशों के बीच बेहतर संबंधों के लिए संवाद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि रिश्तों में सुधार के लिए हमेशा विनम्रता और आपसी समझ की आवश्यकता होती है। कार्की ने भारत की स्थिरता और विकास का समर्थन करते हुए कहा कि नेपाल को भी इस संबंध में ध्यान देना होगा।
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सुशीला कार्की नेपाल की न्यायपालिका में एक महत्वपूर्ण नाम हैं और अब वे राजनीति में एक संभावित नेता के रूप में उभरी हैं। उनका जन्म नेपाल में हुआ और उन्होंने कानून में स्नातक के साथ अपने करियर की शुरुआत की। कार्की ने सर्वोच्च न्यायालय में काम किया है और 2016 में नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनीं। उनके कार्यकाल में न्यायपालिका में कई सुधार किए गए।
उनकी नियुक्ति में उनके अनुभव और निष्पक्षता को ध्यान में रखा गया है। उनके समर्थक मानते हैं कि वे न्यायपालिका में सुधार करने वाली पहली महिला थीं और अब वे देश के राजनीतिक भविष्य के साथ भी जुड़ेगी।
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प्रशासनिक जगत में भी सुशीला कार्की को लेकर चर्चा तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि नेपाल के आर्मी चीफ ने उन्हें पीएम के पद के लिए मनाने के लिए 15 घंटे तक मिन्नतें कीं। यह पुष्टि करता है कि उनकी क्षमता और योग्यता को सभी मानते हैं। लेकिन इसके बाद भी कुछ जटिलताएं थीं जिन्हें सुलझाना जरूरी था।
इस मुद्दे पर कई राजनीतिक विशेषज्ञों की राय सामने आई है, जो मानते हैं कि सुशीला कार्की की नियुक्ति न केवल नेपाल के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है।
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सुशीला कार्की ने भारतीय राजनीतिक नेताओं के प्रति अपनी सराहना व्यक्त की है। उनका मानना है कि भारतीय राजनीति से कुछ सीख लेना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारतीय नेताओं ने अपने देश को कैसे आगे बढ़ाया है, यह सभी के लिए संदर्भ बनने वाला है।
कार्की ने पीएम मोदी के कार्यों की सराहना की और कहा कि उन्होंने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी मजबूत बनाया है। उनका यह मानना है कि अगर नेपाल को भी विकास करना है, तो उसे भारत के सकारात्मक पहलुओं को अपनाना होगा।
उनकी दृष्टि में, नेपाल और भारत के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए आपसी समझ को बेहतर करना होगा, ताकि दोनों देश एक साथ फल-फूल सकें।
इसी प्रकार की सोच के साथ, सुशीला कार्की ने राजनीतिक मंच पर कदम रखा है और वे आगे चलकर नेपाल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती हैं। उनके समर्पण और नेतृत्व क्षमता के साथ, नेपाल एक नई दिशा में आगे बढ़ सकता है।
इस प्रकार, सुशीला कार्की का नाम नेपाली राजनीति में एक नई उम्मीद के रूप में उभरा है, और लोगों की नजरें अब उनके कार्यों और निर्णयों पर केंद्रित हैं। वे न केवल नेपाल बल्कि पूरे हिमालयी क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाते हुए दिखाई देती हैं।
कुल मिलाकर, सुशीला कार्की के पीएम बनने की संभावनाएँ नेपाल के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती हैं और इससे न केवल नेपाल, बल्कि भारत के साथ भी संबंधों में सुधार की उम्मीदें बढ़ सकती हैं।




