चक्रवात मोथा : आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ पर प्रभाव | मोंथा…

आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और ओडिशा — इन चार राज्यों के कई ज़िलों को मोथा चक्रवात का प्रकोप झेलना पड़ा है। इन राज्यों में 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज़ हवाएं चल रही हैं। कई स्थानों पर पेड़ उखड़कर गिर गए हैं और समुद्र तटों पर ऊँची लहरें उठ रही हैं। चारों तटीय राज्यों के तटीय क्षेत्रों से 50,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है।
प्रभावित राज्यों में चक्रवात के असर की 15 तस्वीरें…
आंध्र प्रदेश
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मोथा चक्रवात के कारण विशाखापट्टनम में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं।
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गंजम ज़िले में मछली पकड़ने वाली नौकाएँ गोपालपुर बंदरगाह पर फँस गईं।
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विशाखापट्टनम में चक्रवात के प्रभाव से समुद्र में ऊँची-ऊँची लहरें उठीं।
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विशाखापट्टनम में कई स्थानों पर पेड़ उखड़कर गिर पड़े, जिन्हें एनडीआरएफ की टीमों ने काटकर हटाया।
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मंगलवार दोपहर मछलीपट्टनम में 50–60 किमी प्रति घंटे की गति से हवाएं चलीं, जिससे अनेक पेड़ गिर गए।
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गंजम के पोदामपेटा गाँव में चक्रवात के कारण उठी समुद्री लहरों से तटीय संपत्तियों को नुकसान पहुँचा।
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विशाखापट्टनम में तेज़ आंधी से एक कार पर पेड़ गिर गया।
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एक ऑटो पर भी पेड़ गिरने से वाहन क्षतिग्रस्त हो गया।
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आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं।
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काकीनाडा में स्थापित राहत शिविरों में लोगों को पहुँचाया गया।
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काकीनाडा के राहत शिविरों में लोगों को भोजन वितरण किया गया।
तमिलनाडु
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लोगों को समुद्र में जाने से रोकने के लिए चेन्नई के समुद्र तट पर बचाव दलों ने घेरा बनाया।
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मोथा चक्रवात के प्रभाव से मंगलुरु में समुद्र में ऊँची ज्वार-भाटा की स्थिति बनी रही।
ओडिशा
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मोथा चक्रवात के कारण समुद्र में ऊँची लहरें उठीं; पुरी के समुद्र तट पर लोग लहरें देखते नज़र आए।
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भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर यात्री विश्राम करते दिखे, जहाँ चक्रवात के चलते कई ट्रेनों को रद्द किया गया था।




