अन्यसम्पादकीय

कभी पहाड़ों के गाँवों में लोगों को छोटी सी बीमारी के लिए भी मीलों पैदल चलकर अस्पताल पहुँचना पड़ता था। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं।

उत्तराखंड सरकार की नई पहल से उम्मीदों की एक नई किरण फूटी है।
1300 स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती — यह केवल संख्याओं की बात नहीं, यह संघर्षों की जीत की कहानी है।

डॉ. सीमा, जिन्होंने आठ साल पहले मेडिकल कॉलेज से डिग्री ली थी, बताती हैं —
“मैंने सोचा था कि शायद कभी अपने गाँव में सेवा नहीं दे पाऊँगी। लेकिन अब यह सपना सच हो रहा है।”

नए स्वास्थ्य कर्मी अब केवल नौकरी नहीं, बल्कि सेवा का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
ये वही युवा हैं जो कठिन परिस्थितियों में भी डटे रहे — कभी संसाधनों की कमी, कभी अवसरों की कमी — पर हार नहीं मानी।

आज जब नियुक्ति पत्र उनके हाथों में है, तो उनके चेहरे पर चमक है —
यह चमक केवल भविष्य की नहीं, विश्वास की है।

इन पहाड़ों के बीच अब सिर्फ हवा नहीं बहेगी, बल्कि नई ज़िंदगी की साँसें भी चलेंगी।

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