पाकिस्तान में संविधान संशोधन पर उठे सवाल; नेपाल ने फिर चीन को दिया नोट छपाई का ठेका

पाकिस्तान में संविधान के 27वें संशोधन के तहत गठित फेडरल कांस्टिट्यूशन कोर्ट को लेकर विवाद तेज हो गया है। जस्टिस अमीरुद्दीन खान ने इस नई अदालत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के भीतर ही इस कदम का विरोध बढ़ा है। दो वरिष्ठ न्यायाधीशों ने इस्तीफा देकर यह संकेत दिया है कि यह संशोधन न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर कर सकता है। वकीलों और कई राजनीतिक दलों ने सरकार के फैसले की समीक्षा की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि संशोधन वापस नहीं लिया गया, तो आंदोलन शुरू होगा।
HighLights
जस्टिस अमीरुद्दीन खान ने ली शपथ
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों का इस्तीफा
संविधान संशोधन की समीक्षा की मांग
इसी बीच नेपाल ने एक बार फिर चीन को अपनी करेंसी प्रिंटिंग का बड़ा ठेका सौंपा है। नेपाल पहले भारत में नोट छपवाता था, लेकिन 2015 से उसका रुझान चीन की ओर बढ़ गया। इस वर्ष नेपाल राष्ट्र बैंक ने चाइना बैंकनोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन को 430 मिलियन यानी 43 करोड़ नोट छापने का नया कॉन्ट्रैक्ट दिया है। भारत द्वारा कुछ भौगोलिक व तकनीकी शर्तों पर आपत्ति जताने के बाद नेपाल ने चीन की आधुनिक तकनीक और कम लागत को प्राथमिकता दी है।




