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मुख्यमंत्री के इलाके की त्रासदी पर कांग्रेस ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर आरोप लगाए।

बिल्ली मारकुंडी हादसा खनन क्षेत्र की बदहाल व्यवस्था की बड़ी मिसाल बन गया है। दो मजदूरों की मौत और कई के दबे होने की आशंका सरकार की लापरवाही दिखाती है।
मृदुल मिश्रा ने तीखे शब्दों में कहा कि जब मुख्यमंत्री जिले में ही मौजूद थे, तब इतना बड़ा हादसा होना चिंताजनक है।
उन्होंने खनन विभाग की जिम्मेदारी तय करते हुए आरोप लगाया कि सुरक्षा मानकों का पालन नहीं होता और खनन माफिया बेखौफ हैं।
युवा कांग्रेस ने बचाव कार्य तेज करने, खदान मालिकों व अधिकारियों पर हत्या की धारा में केस दर्ज करने और 50 लाख मुआवज़ा देने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि कठोर कार्रवाई न हुई तो आंदोलन किया जाएगा।

युवा कांग्रेस ने सरकार से की 3 बड़ी मांगें

1️⃣ युद्धस्तर पर बचाव कार्य:
मिश्रा ने कहा कि मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जाए और संसाधनों में कोई कमी न छोड़ी जाए।

2️⃣ उच्च-स्तरीय जांच और हत्या का मामला दर्ज:
कृष्णा माइनिंग वर्क्स तथा संबंधित खदान मालिकों — प्रो. दिलीप केशरी और मक्सूदन सिंह — की जिम्मेदारी तय कर कठोरतम कार्रवाई की मांग की गई है।
महासचिव ने कहा कि दोषी अधिकारियों पर भी हत्या (IPC 302) जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होना चाहिए।

3️⃣ मुआवज़ा और इलाज:
मृतक मजदूरों के परिवारों को 50 लाख रुपये का मुआवज़ा और घायलों का नि:शुल्क उपचार सुनिश्चित करने की मांग की गई है।


युवा कांग्रेस का आंदोलन का अल्टीमेटम

मृदुल मिश्रा ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई नहीं की और खनन क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था सुधारने के ठोस कदम नहीं उठाए, तो युवा कांग्रेस जोरदार आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।

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