राष्ट्रीय अधिवेशन में RLD की कमान फिर जयंत चौधरी के हाथ सौंप दी गई।

रालोद अधिवेशन 2025: किसानों की उम्मीदों से लेकर महिला सशक्तिकरण तक—जयंत चौधरी के नेतृत्व में नई दिशा की ओर संगठन
राष्ट्रीय लोकदल (RLD) का 2025 का राष्ट्रीय अधिवेशन लखनऊ/मथुरा में ऐसे समय आयोजित हुआ जब देश की राजनीति तेजी से बदलते दौर से गुजर रही है। इस अधिवेशन में केंद्रीय मंत्री चौधरी जयंत सिंह को एक बार फिर निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाना संगठनात्मक एकता का मजबूत संकेत माना जा रहा है। यह अधिवेशन न केवल एक औपचारिक राजनीतिक कार्यक्रम था, बल्कि रालोद की वैचारिक प्रतिबद्धता, भविष्य की रणनीति और जनहित के प्रति उसके दृष्टिकोण का स्पष्ट मंच भी बना।
जयंत चौधरी का पुनः निर्वाचित होना—विश्वास और नेतृत्व का प्रमाण
कार्यकर्ताओं की भारी उपस्थिति के बीच जयंत चौधरी को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुनना इस बात का प्रमाण है कि रालोद का हर कार्यकर्ता उनके नेतृत्व पर भरोसा करता है। चयन के बाद उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि उन्हें तीन साल के लिए यह जिम्मेदारी सौंपी गई है और वह इसे पूरी निष्ठा के साथ निभाएंगे।
उनका यह वक्तव्य केवल एक घोषणा नहीं, बल्कि रालोद को नई गति देने का संकल्प भी था।
मथुरा की जनता को भावुक धन्यवाद
जयंत चौधरी ने अपने संबोधन में कहा—
“मथुरा ने मुझे पहली बार सांसद बनाकर भेजा, मैं यह प्यार कभी नहीं भूल सकता।”
उनकी इस बात से साफ झलकता है कि मथुरा केवल एक निर्वाचन क्षेत्र नहीं, बल्कि उनके राजनीतिक जीवन का आधार रहा है। यह कृतज्ञता रालोद की उस राजनीतिक संस्कृति को दर्शाती है जिसमें जनता के प्रेम और समर्थन को सर्वोपरि माना जाता है।
एनडीए के प्रति वफादारी और भविष्य की योजनाएँ
जयंत चौधरी ने अपने भाषण में एनडीए गठबंधन पर पूरा विश्वास व्यक्त करते हुए कहा—
“हम एनडीए के साथ मजबूती से खड़े हैं। प्रधानमंत्री जी ने मुझे बड़ी जिम्मेदारी दी है।”
यह बयान दर्शाता है कि रालोद आगामी वर्षों में राष्ट्रीय राजनीति में गठबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जयंत चौधरी का यह स्पष्ट रुख राजनीतिक स्थिरता और विकास की प्राथमिकता पर आधारित है।
विपक्ष पर सख्त टिप्पणी—राजनीतिक माहौल में गर्मी
उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा—
“आज विपक्ष के पास परिवार है, नेता और नीति नहीं है, इसलिए विपक्ष फेल है।”
इस बयान से स्पष्ट है कि रालोद अपने आप को वैचारिक रूप से मजबूत, नेतृत्व क्षमता से संपन्न और जनहित पर आधारित राजनीतिक दल के रूप में स्थापित करना चाहता है।
गांव, किसान और गरीब—रालोद की आत्मा
अधिवेशन में किसान और ग्रामीण समाज केंद्र में रहा। चौधरी चरण सिंह के विचारों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए जयंत चौधरी ने कहा—
“गांव, किसान और गरीब की चर्चा होना ही रालोद की असली जीत है।”
यह बयान रालोद की ऐतिहासिक जड़ों को मजबूत करता है और यह भी दर्शाता है कि आगामी राजनीतिक रणनीतियाँ भी किसान-केन्द्रित होंगी।
महिला शक्ति पर विशेष ध्यान
संगठन में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर जोर देते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि—
“महिलाओं को शीघ्र आरक्षण का लाभ मिलेगा।”
उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि महिलाओं को नेतृत्व का अवसर दिया जाए। यह दृष्टिकोण रालोद को एक समावेशी और प्रगतिशील राजनीतिक दल के रूप में स्थापित करता है।
छाता शुगर मिल—किसानों के लिए बड़ी राहत की घोषणा
अधिवेशन में जयंत चौधरी ने छाता की बंद पड़ी चीनी मिल को जल्द शुरू करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा—
“छाता की बंद पड़ी चीनी मिल हर हाल में चलेगी। मुख्यमंत्री जी पहले ही गन्ना मूल्य 400 रुपये कर चुके हैं, हम मिल को फिर से चलवाएंगे।”
यह घोषणा वहां के किसानों के लिए आर्थिक राहत और उम्मीद का नया द्वार है। मिल शुरू होने से हजारों परिवारों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
125वीं जयंती का भव्य आयोजन—सवा करोड़ वृक्ष लगाने की तैयारी
अधिवेशन में एक महत्वपूर्ण घोषणा यह भी की गई कि चौधरी चरण सिंह की 125वीं जयंती देशभर में धूमधाम से मनाई जाएगी। इस अवसर पर—
“सवा करोड़ वृक्ष लगाने” का संकल्प लिया गया।
यह न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम है, बल्कि समाज में जनभागीदारी को बढ़ाने वाली पहल भी होगी।
अधिवेशन में पारित हुए तीन बड़े प्रस्ताव
राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्रा ने बताया कि इस ऐतिहासिक अधिवेशन में तीन महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए—
- किसान-केन्द्रित आर्थिक प्रस्ताव – जिसमें कृषि सुधार, मूल्य नीति और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी गई।
- युवा और महिला केंद्रित सामाजिक प्रस्ताव – जो कौशल विकास, रोजगार, सुरक्षा और समानता को बढ़ावा देने वाला है।
- भारत की वैश्विक भूमिका पर आधारित राजनीतिक प्रस्ताव – जो बदलते अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में भारत की स्थिति को ध्यान में रखता है।
अधिवेशन को व्यापक जनसमर्थन प्राप्त हुआ और इसे रालोद की संगठनात्मक शक्ति का प्रमाण माना गया।
समापन—रालोद की नई दिशा का आरंभ
अधिवेशन के अंत में पार्टी ने आयोजन को सफल बनाने वाले सभी कार्यकर्ताओं का आभार जताया। यह अधिवेशन रालोद के लिए केवल एक वार्षिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक नई ऊर्जा, नई सोच और नई दिशा का आरंभ साबित हुआ।




