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8th Pay Commission: पांचवां, छठा और सातवां वेतन आयोग लागू होने में लगे थे कितने दिन, क्या सरकार बचा रही पैसा?

8th Pay Commission: कर्मचारियों के बीच आठवें वेतन आयोग को लेकर कई सवाल हैं, जिनमें इसकी संभावित कार्यान्वयन तिथि और एरियर का मुद्दा प्रमुख है। वित्त म …और

 

 आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर कर्मचारियों के बीच सबसे बड़ा सवाल है कि क्या यह 1 जनवरी 2026 से लागू होगा या फिर उसमें लंबा समय लगेगा? हालांकि, इस पर वित्त मंत्रालय अपनी स्थिति साफ कर चुका है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में बताया कि, “8वें वेतन आयोग की लागू होने की तारीख सरकार ही तय करेगी।”

ऐसे में कर्मचारियों के बीच एक और सवाल उठने लगा है कि क्या इस बार भी एरियर पिछली बार की तरह 1 जनवरी 2026 से मिलेगा या सरकार पैटर्न बदल सकती है? पिछला रिकॉर्ड देखें तो पांचवां, छठा और सातवां वेतन आयोग तीनों अपनी तय अवधि से देर से लागू हुए थे। लेकिन कर्मचारियों को एरियर उस तारीख से मिला, जब पिछला वेतन आयोग खत्म हुआ था।

अब सबसे पहले समझते हैं कि आखिर पिछले तीन आयोगों की टाइमलाइन क्या थी? यानी और आसान शब्दों में कहें तो पिछले तीन आयोग के नोटिफिकेशन जारी होने के बाद कितने दिन लगे थे?

पिछले तीन वेतन आयोगों का टाइमलाइन

आयोग कब गठन हुआ? कब रिपोर्ट सौंपी? कब लागू हआ? कितने साल लगे?
7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 नवंबर 2015 जून 2016 लगभग 2.5 साल
6वां वेतन आयोग अक्टूबर 2006 मार्च 2008 अगस्त 2008 लगभग 1 साल 10 महीने
5वां वेतन आयोग अप्रैल 1994 जनवरी 1997 अक्टूबर 1997 लगभग 3.5 साल

उदाहरण के तौर पर, 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें जून 2016 में लागू हुईं, लेकिन एरियर 1 जनवरी 2016 से मिला। इसी तरह 6वें वेतन आयोग का एरियर 1 जनवरी 2006 से दिया गया।

तो क्या सरकार पैसे बचा सकती है?

ऑल इंडिया एनपीएस एम्पलॉई फेडरेशन (All India NPS Employees Federation) के नेशनल प्रेसिडेंट मनजीत सिंह पटेल कहते हैं कि तकनीकी रूप से सरकार को एरियर 1 जनवरी 2026 से देना चाहिए, जैसा पहले दिया गया है। लेकिन पटेल यह भी बताते हैं कि सरकार HRA (हाउस रेंट अलाउंस) पर एरियर नहीं देती। ऐसे में लागू होने में देरी से सरकार पैसे बचा सकती है। वहीं सैलरी और बाकी ज्यादातर अलाउंस पर एरियर दिया जाता है।

पटेल ने उदाहरण देकर बताया कि यदि किसी कर्मचारी की बेसिक पे 76,500 रुपए है तो सरकार सिर्फ HRA पर ही लगभग 18,360 रुपए प्रति माह बचा सकती है, यदि उसे एरियर में शामिल न किया जाए।

‘1 जनवरी 2026 से ही लागू होना चाहिए’

हालांकि, एक केंद्रीय कर्मचारी संगठन के वरिष्ठ सदस्य का कहना है कि सरकार चाहें तो ‘विशेष परिस्थितियों’ में एरियर की शुरुआत आगे की तारीख से भी कर सकती है। उनके शब्दों में, ‘आदर्श रूप से एरियर 1 जनवरी 2026 से मिलना चाहिए, लेकिन आर्थिक हालात कमजोर हुए तो सरकार तारीख आगे बढ़ा सकती है।’

ऐसी स्थिति में 7वें वेतन आयोग की दरें ही सैलरी, डीए, एचआरए और बाकी अलाउंस पर लागू होती रहेंगी और कर्मचारियों को इन्हीं दरों पर वार्षिक इन्क्रीमेंट मिलता रहेगा। आठवें वेतन आयोग की घोषणा और एरियर की तारीख पर सरकार का फैसला अब सबकी नजरों में है।

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