बांग्लादेश में हिंसा का दौर अब भी जारी – सुलग रहा है बांग्लादेश।


आर्मी चीफ का बड़ा बयान, कहा – शेख हसीना के लिए प्रोटेस्ट करने वालों को मारी गोली। शेख हसीना की पार्टी के 29 नेताओं का शव बरामद और घरों में तोड़फोड़।
बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन रोकने में विफल रहे सेना प्रमुख का अब बड़ा बयान वायरल हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में शेख हसीना के भाग जाने से एक रात पहले सेना प्रमुख ने अपने जनरलों के साथ बैठक की थी। इसमें निर्णय लिया कि सेना कर्फ्यू लागू करने के लिए नागरिकों पर गोलियां नहीं चलाएगी। यह जानकारी रॉयटर्स को दो अधिकारियों ने दी। एक भारतीय अधिकारी के अनुसार, इसके बाद जनरल वकार-उज-जमान ने हसीना के कार्यालय से संपर्क किया और प्रधानमंत्री को बताया कि उनके सैनिक कर्फ्यू को लागू करने में असमर्थ होंगे। अधिकारी का संदेश स्पष्ट था कि हसीना को अब सेना का समर्थन नहीं रहा।
बांग्लादेश में हालात सामान्य होने का नाम नहीं ले रहे हैं। शेख हसीना की पार्टी के 29 लीडर्स की हत्या कर दी गई। किसी का शव कहीं मिला तो किसी के घर में आग लगा दी गई। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने की खबर के बाद सतखिरा जिले में हुए हमलों और हिंसा में कम से कम 10 लोग मारे गए हैं।
बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच अवामी लीग और इसकी सहयोगी पार्टियों से जुड़े कम से कम 29 नेताओं और उनके परिवार के सदस्यों के शव बरामद किए गए। इसमें अवामी लीग के 20 नेता भी शामिल हैं। सोमवार को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने की खबर के बाद सतखिरा में हुए हमलों और हिंसा में कम से कम 10 लोग मारे गए।
अवामी लीग के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई। पुलिस ने सतखिरा सदर और श्यामनगर पुलिस स्टेशन में भी आगजनी और लूटपाट की सूचना दी।
पार्षद मोहम्मद शाह आलम के घर में 6 लोगों की मौत
कोमिला में भीड़ के हमलों में कम से कम 11 लोग मारे गए। अशोकतला में पूर्व पार्षद मोहम्मद शाह आलम के तीन मंजिला घर में उपद्रवियों द्वारा आग लगा दिये जाने से छह लोगों की मौत हो गयी। इसके बाद सोमवार की रात और मंगलवार की सुबह उनके शव घर से बरामद किये गये। बता दें कि इनमें पांच जवान भी शामिल थे।
मृतकों में 12 वर्षीय शॉन, 14 वर्षीय आशिक, 14 वर्षीय शकील, 16 वर्षीय रोनी और 17 वर्षीय मोहिन और 22 वर्षीय महफुजुर रहमान शामिल हैं।
कई लोगों का ICU में चल रहा इलाज
इसी बीच भीड़ ने घरों के ग्राउंड फ्लोर में आग लगा दी। बाद में, तीसरी मंजिल पर शरण लेने वाले लोगों की धुएं के कारण मौत हो गई और वे जलकर मर गए। इस घटना में कम से कम 10 लोग घायल हो गए। इनमें एक गंभीर रूप से घायल का आईसीयू में इलाज चल रहा है।
इस बीचए नटोर – 2 (सदर और नालडांगा) निर्वाचन क्षेत्र के सांसद शफीकुल इस्लाम शिमुल के घर पर गुस्साई भीड़ द्वारा लगाई गई आग में चार लोगों की मौत हो गई। मंगलवार सुबह शहर में सांसद के घर, जिसका नाम ‘जन्नती पैलेस’ है, के कई कमरों, बालकनियों और छतों पर शव पाए गए।
‘लोगों की जान की रक्षा करना जरूरी’
रॉयटर्स ने शेख हसीना के शासनकाल के अंतिम 48 घंटों का लेखा-जोखा रखने के लिए बांग्लादेश में 4 सेवारत सेना अधिकारियों और 2 अन्य जानकारों समेत 10 लोगों से बात की। सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर जनरल एम. सखावत हुसैन ने कहा कि हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए सैनिकों के भीतर बेचैनी थी। शायद इसी वजह से सेना प्रमुख पर दबाव पड़ा, क्योंकि सैनिक बाहर थे और वे देख रहे थे कि क्या हो रहा है। सेना प्रवक्ता चौधरी ने बताया कि जनरल ने कहा कि लोगों की जान की रक्षा करना जरूरी है और उन्होंने अपने अधिकारियों से धैर्य रखने को कहा। यह पहला संकेत था कि बांग्लादेश की सेना हिंसक प्रदर्शनों को बलपूर्वक नहीं दबाएगी, जिससे हसीना असुरक्षित हो जाएंगी। ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद शाहदुल अनम खान जैसे सेवानिवृत्त वरिष्ठ सैनिक उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने सोमवार को कर्फ्यू का उल्लंघन किया और सड़कों पर उतर आए। खान ने कहा कि सेना ने हमें नहीं रोका। सेना ने वही किया जो उन्होंने वादा किया था।
पीएम आवास के बाहर देख भीड़ भागने लगीं हसीना
सोमवार को कर्फ्यू के पहले दिन हसीना पीपुल्स पैलेस के अंदर छिपी रहीं। बाहर शहर की सड़कों पर भीड़ जमा हो गई। हजारों की संख्या में लोग प्रदर्शन करने वाले नेताओं के आह्वान पर शहर के बीचोंबीच मार्च करने के लिए उमड़ पड़े। स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाने के कारण 76 वर्षीय नेता ने सोमवार सुबह देश छोड़कर भागने का निर्णय लिया। बांग्लादेश के एक सूत्र के अनुसार, हसीना और उनकी बहन जो लंदन में रहती हैं, लेकिन उस समय ढाका में थीं। उन्होंने इस मामले पर चर्चा की और साथ में उड़ान भरी। दोपहर में ही वह भारत के लिए रवाना हो गईं। बहुत कम समय में ही उन्होंने भारत आने के लिए अनुमति मांगी थी।