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नीलकंठ महादेव मंदिर के बाद हिंदू संगठनों की बौद्ध पर्यटन स्थल पर भी दावेदारी….

संवाददाता नाजिर खां

बदायूं। जामा मस्जिद शम्सी पहले नीलकंठ महादेव मंदिर था यह मामला सिबिल कोर्ट में चल रहा है जिसमें जल्दी-जल्दी तारीख पड़ रही है। इसी सप्ताह 10 दिसंबर को सुनवाई होनी है, एक और इसी तरह का मामला हिंदू संगठन विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शुरू कर दिया है जिसमें पुलिस के साथ हिंदू संगठन कार्यकर्ता सम्राट अशोक बौद्ध पर्यटन स्थल ( सूर्य कुंड) मझिया पर पहुंचे और एक नवनिर्मित चबूतरे को खोदा जिससे तथाकथित शिव लिंग और नंदी की मूर्ति का दावा किया है ।

आरोप लगाया कि यहां बौद्ध धर्म के लोग इस स्थान को बौद्ध स्थल बना दिया है जबकि यहां शिव का स्थान था। इसी के बाद रविवार को मालवीय आवास पर मौर्य शाक्य समाज व भंते आदि बौद्धिस्ट समाज ने प्रदर्शन किया और आंदोलन की चेतावनी दी है।

कल सूर्य कुंड सम्राट अशोक बौद्ध पर्यटन स्थल पर हिंदू संगठन कार्यकर्ताओं द्वारा भंते आदि के आवासीय परिसर में ताला डालने, बौद्ध स्थल पर चबूतरा तोड़ने, बौद्ध भंते गण को वहां से निकालने को लेकर बदायूं कचहरी के पास मालवीय आवास गृह पर प्रदर्शन किया और कहा कि जिन लोगों ने यह कृत्य किया है वही लोग पुनः भंते लोगों को उसी स्थान पर ससम्मान पहुंचाएं अन्यथा मौर्य शाक्य समाज व बौद्ध गण उस स्थल पर जाएंगे। अगर कोई अवरोध करेगा या रोकेगा तो हम सब जेल जाने को तैयार होंगे और आगे आंदोलन भी करेंगे।

आपको बताते चलें कुछ वर्ष पूर्व ही तत्कालीन जिला अधिकारी दिनेश कुमार सिंह के कार्यकाल में इस स्थल को पुनर्जीवित कर पर्यटन विभाग द्वारा सौंदर्यीकरण किया गया था । तब से बौद्ध धर्म के भंते गण वहां निवास कर रहे हैं। रामेश्वर शाक्य, मौर्य शाक्य महासभा जिलाध्यक्ष व सूर्य कुंड स्थल ट्रस्ट पदाधिकारीयों में काफी रोष बताया जा रहा है।

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