जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट लखनऊ में हुआ विंटर स्कूल 2024 का समापन

लखनऊ। जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट लखनऊ में आयोजित एक्सपेंडिंग रिसर्च होराइजन्स पर आधारित पांच दिवसीय विंटर स्कूल 2024 का आज समापन हुआ। इस वर्ष के विंटर स्कूल में शोध लेखन निगमनात्मक आगमनात्मक और अपवर्तनीय तर्क द्वारा सिद्धांत तैयार करने हार्वर्ड केस लेखन, डिजिटल युग में गुणात्मक शोध और शोध में एआई के उपयोग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा की गई।
कार्यक्रम का उद्घाटन 9 दिसंबर को किया गया था, जिसमें जयपुरिया लखनऊ के डीन रिसर्च, डॉ. अनुभव मिश्रा ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि रहे डॉ. नृपेंद्र राणा, प्रोफेसर, क्वीन्स बिजनेस स्कूल, बेलफास्ट, यूके।
विंटर स्कूल का उद्देश्य डॉक्टरेट विद्वानों और शिक्षाविदों को शिक्षा और शोध विधियों की बेहतर समझ देने के साथ-साथ उन्हें नवीनतम सॉफ्टवेयर और मॉडल्स के बारे में जानकारी प्रदान करना था। कार्यक्रम का फोकस शोध लेख तैयार करने, उन्हें प्रमुख पत्रिकाओं में प्रकाशित करने और शोध कौशल में सुधार करने पर था।
पाँच दिवसीय इस कार्यक्रम में डॉक्टरेट संगोष्ठी (कोलोकियम), छात्र प्रतियोगिता, पेपर डेवलपमेंट वर्कशॉप, 3-मिनट थीसिस पिच जैसी कई आकर्षक गतिविधियाँ शामिल थीं, जिनसे प्रतिभागियों को शिक्षा और शोध के भविष्य को लेकर महत्वपूर्ण इंसाइट प्राप्त हुए।

इस कार्यक्रम में कई प्रमुख वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए, जिनमें डॉ. नृपेंद्र राणा, सुश्री चैताली शर्मा (टर्निटिन एपीएसी), डॉ. आलोक दीक्षित (आईआईएम लखनऊ), डॉ. सुजीत शर्मा (आईआईएम नागपुर), डॉ. शैलेश पांडे (जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, इंदौर), डॉ. सुभादीप रॉय (आईआईएम अहमदाबाद), सुश्री संगीता मेनन (एमराल्ड पब्लिशिंग) और डॉ. सुधीर राणा (गल्फ मेडिकल यूनिवर्सिटी, यूएई) शामिल थे।
कार्यक्रम में अकादमिक लेखन, डेस्क अस्वीकृति से बचना, शोध में नैतिकता, आर का उपयोग करके वित्त के लिए अर्थमिति, और एआई के साथ शोध में अकादमिक अखंडता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर कार्यशालाएँ आयोजित की गईं।
कार्यक्रम का समापन वैलेडिक्टरी सत्र के साथ हुआ, जिसमें डॉ. सुधीर राणा ने समापन भाषण दिया और डॉ. आरती चंदानी ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस विंटर स्कूल ने शोध विद्वानों और शिक्षाविदों के लिए एक अद्वितीय मंच प्रस्तुत किया। जिससे उनके शोध कौशल और नेटवर्किंग में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई।