मनरेगा मजदूरों की समस्याएं: उत्तर प्रदेश में समय पर मजदूरी का भुगतान नहीं, कांग्रेस ने उठाई आवाज

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लखनऊ। केन्द्र की मनमोहन सिंह सरकार द्वारा 2009 में शुरू की गई महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें, तालाब, जल संचयन जैसी परियोजनाओं के जरिए लोगों को रोजगार दिया जाता है। इस योजना को कांग्रेस सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के रूप में प्रस्तुत किया था। लेकिन भाजपा सरकार के आने के बाद इस योजना की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर आरोप है कि मनरेगा योजना के तहत मजदूरों को ना तो पूरे दिन काम मिलते हैं, और ना ही समय पर मजदूरी का भुगतान होता है।

मजदूरी का भुगतान न होने पर कांग्रेस ने किया विरोध

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अजय राय ने प्रदेश के मनरेगा मजदूरों की समस्याओं को उजागर करते हुए बताया कि 26 नवम्बर, 2024 के बाद से राज्य सरकार ने जॉब कार्ड धारकों को उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं किया है। उनका कहना था कि मनरेगा अधिनियम के अनुसार, जॉब कार्ड धारकों को 15 दिन के भीतर उनकी मजदूरी उनके खाते में उपलब्ध करा दी जानी चाहिए, लेकिन उत्तर प्रदेश में यह कभी समय पर नहीं हुआ।

भ्रष्टाचार और देरी से परेशान मजदूरों की स्थिति गंभीर

कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अजय राय ने बताया कि प्रदेश में मनरेगा मजदूरों को न केवल समय पर काम नहीं मिलता, बल्कि जब उन्हें काम मिलता है तो उनकी मजदूरी समय पर नहीं दी जाती। इसके परिणामस्वरूप, प्रदेश के करोड़ों लोग भुखमरी की कगार पर पहुँच चुके हैं। उन्होंने इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र, जल्द समाधान की मांग

यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह करते हुए कहा कि मनरेगा मजदूरों के खातों में ब्याज सहित मजदूरी का भुगतान किया जाए। उन्होंने इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र भी भेजा है।

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