जैन विद्या शोध संस्थान के 34वें स्थापना दिवस पर 6 विभूतियां सम्मानित: जैन धर्म का प्रभाव मानवता को सही दिशा में दिखाता है: जयवीर

लखनऊ। यूपी के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान के 34वें स्थापना दिवस पर जैन धर्म से जुड़ी छह विभूतियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने जैन धर्म के उपदेशों को जीवन में उतारने की आवश्यकता पर जोर दिया और इसे मानवता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।
जैन धर्म के उपदेशों का महत्व
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि जैन धर्म के उपदेश लोकहित, लोक कल्याण और अहिंसा के सिद्धांतों पर आधारित हैं। जैन धर्म का प्रभाव मानवता के मार्ग को सही दिशा में दिखाता है। और इसकी शिक्षाएं सर्वकालिक एवं कालजयी हैं। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से जैन धर्म से संबंधित स्थलों के विकास के लिए 31 करोड़ रुपये की राशि देने की घोषणा की।
स्नातक शिक्षा की शुरुआत का ऐलान
मंत्री जयवीर सिंह ने इस अवसर पर यह भी घोषणा की कि भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय से संबद्ध जैन विद्या शोध संस्थान में आगामी सत्र से स्नातक की पढ़ाई शुरू की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य युवाओं को जैन धर्म की शिक्षा से जोड़ना है।
इस अवसर पर कई विभूतियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। सम्मानित विभूतिया और पुरस्कारों की घोषणा
तीर्थंकर ऋषभदेव सम्मान: प्रो. राजा राम जैन, नोएडा (1 लाख रुपये)
तीर्थंकर महावीर अहिंसा सम्मान: डॉ. पत्रिका जैन, लखनऊ (51 हजार रुपये)
आचार्य कुन्दकुन्द सम्मान: डॉ. सचिन्द्र जैन, अलीगढ़ (51 हजार रुपये)
भरत चक्रवर्ती सम्मान: डॉ. ज्योति जैन, मुजफ्फरनगर (31 हजार रुपये)
गणेश प्रसाद वर्णी श्रुत आराधक सम्मान: डॉ. पंकज जैन, भोपाल (21 हजार रुपये)
श्रुत संवर्धन सम्मान: जैन अमन अकलंक (21 हजार रुपये)
शिक्षा क्षेत्र में योगदान
इसके अतिरिक्त शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के छात्रों के बीच प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें विजेताओं को पुरस्कार और प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
इस कार्यक्रम में संस्कृति विभाग के वित्त नियंत्रक दिलीप कुमार गुप्ता, सहायक निदेशक तुहिन द्विवेदी, और जैन विद्या शोध संस्थान के निदेशक अमित अग्निहोत्री समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।