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पर्यावरणीय सेवाओं के लिए ईको पर्यटन विकास की दिशा में बड़ा कदम: ईको पर्यटन से रोजगार के नए अवसर

लखनऊ। प्रदेश के पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन एवं जन्तु उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने प्रदेशवासियों को पर्यावरणीय सेवाएं और प्रत्यक्ष लाभ प्रदान करने के लिए ईको पर्यटन के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के महत्व को समझाने में ईको पर्यटन की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।

प्रदेशवासियों को प्रकृति से जोड़ने की पहल

लक्ष्मणपुरी ईको टूरिज्म रिजर्व के लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए डॉ. सक्सेना ने कहा कि प्रदेश में बढ़ते शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के कारण आम लोग प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं। इससे प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की ओर लोगों की उदासीनता बढ़ रही है, जो एक चिंता का विषय है। इस समस्या के समाधान के लिए ईको पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि प्रदेशवासियों को प्रकृति के पास लाया जा सके और वे पर्यावरण संरक्षण की अहमियत को समझ सकें।

ईको पर्यटन से रोजगार के नए अवसर

डॉ. सक्सेना ने बताया कि प्रदेश में ईको पर्यटन गतिविधियों से न केवल लोगों में पारिस्थिकी और वन्य प्राणियों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ी है, बल्कि इसके माध्यम से रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं। गाइड, होमस्टे और पर्यटन गतिविधियों से जुड़ी नौकरियों के माध्यम से लाखों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। इसके साथ ही, प्रदेश में शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान की स्थापना और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के 09 नए वेटलैड्स को रामसर साइट के रूप में अधिसूचित किया गया है, जिससे प्रदेश को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर महत्वपूर्ण स्थान मिला है।

समारोह में पुरस्कार वितरण

कार्यक्रम के समापन से पहले, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक लखनऊ मण्डल, रेनू सिंह ने सभी अतिथियों को मोमेंटो भेंट किया। मुख्य अतिथि ने पर्यावरणीय विषय पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रधान मुख्य वन संरक्षक/विभागाध्यक्ष सुनील चौधरी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव अनुराध वेमुरी, लखनऊ एवं अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

आगे की दिशा में

ईको पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा किए गए इस प्रयासों का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के साथ-साथ राज्य के पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा देना है। इन योजनाओं के तहत, पर्यावरण संरक्षण को जन-संवेदना से जोड़ने और पर्यावरणीय शिक्षा के प्रचार-प्रसार के प्रयास जारी रहेंगे।

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