देश के विकास में एएफसी का योगदान सराहनीय: अपर्णा विष्ट

लखनऊ। प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती अपर्णा विष्ट यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश ही नहीं भारत के विकास में एएफसी का निरंतर योगदान अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि मौजूदा आइस एज में तकनीकी का सहयोग लेकर एएफसी अपने योगदान को और धारदार बना सकता है।
श्रीमती अपर्णा गुरुवार को विधानसभा मार्ग स्थित एफसी इंडिया लिमिटेड के कार्यालय में संस्थान के 57 वें वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित समारोह में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है की एएफसी उत्तर प्रदेश इकाई द्वारा विशेष रूप से महिलाओं को प्रशिक्षित कर उनको आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आयोग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों में भी एएफसी इंडिया लिमिटेड के प्रतिनिधियों से भागीदारी का अनुरोध भी किया।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के प्रभारी अवनेशकलिक ने एएफसी के 57 वर्षों की विकास यात्रा की चर्चा की। उन्होंने कहा कि 57 वर्षों के इतिहास में एएफसी द्वारा देश के विकास में नए कीर्तिमान स्थापित किये। आज संस्थान कई प्रदेशों की प्रमुख कार्यदायी संस्था है। यही विश्वा संस्था को नित नयी ऊँचाइयों पर आगे बढ़ा रहा है।एएफसी इंडिया लिमिटेड, जो कृषि और ग्रामीण विकास परामर्श का एक प्रमुख संस्थान है, ने अपनी 57वीं स्थापना दिवस के अवसर पर देश की ग्रामीण समृद्धि में अपने सतत योगदान का जश्न हर्षोल्लास के साथ मनाया। एएफसी के लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय में 57वीं स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती अपर्णा यादव, उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश महिला आयोग एवं अवनेश कलिक, उप महाप्रबंधक एवं प्रभारी, एएफसी इंडिया लिमिटेड के नेतृत्व में उत्साहपूर्वक मनाया गया।
उनके साथ कृषि, ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों से अनेक गणमान्य अतिथियों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। यह आयोजन न केवल एएफसी की उपलब्धियों पर चिंतन का अवसर बना, बल्कि भारत के विकास में उसकी भूमिका को पुनः रेखांकित करने का भी मंच रहा। अतिथियों ने अपने अनुभव साझा किए और जमीनी स्तर पर संस्थान के योगदान की सराहना की। इसमें संस्थान से प्रदेश भर से जुड़े सैकड़ों लोगों ने भी शिरकत की। कार्यक्रम का संचालन एस के सिंह ने किया। इस अवसर पर अपर कृषि निदेशक प्रसार आरके सिंह, अपर कृषि निदेशक कृषि रक्षा टी.एम त्रिपाठी के साथ साथ परियोजनाओं के सहयोगी विभिन्न जनपदों से सैकड़ों कर्मचारी शामिल रहे।