केरल में अलर्ट जारी: समुद्र में जहरीला रसायन फैल रहा है, जानिए इसका कितना गंभीर खतरा है?

खतरनाक तेल का हो रहा है रिसाव
तटरक्षक बल ने जानकारी दी जिसमें कहा गया है कि 25 मई 2025 की सुबह जहाज ‘एमएससी ईएलएसए 3’ तेजी से झुकने लगा और आखिरकार पलटने के बाद डूब गया। इस घटना के कारण तेल का काफी रिसाव हुआ है, जिसमें ईंधन का बहाव लगभग तीन किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हो रहा है। भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने कहा कि जहाज के टैंकों में 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन ‘फर्नेस ऑयल’ था, इसके अलावा कंटेनर में कैल्शियम कार्बाइड जैसे खतरनाक पदार्थ हैं।
कितना खतरनाक होता है कैल्शियम कार्बाइड
आईसीजी ने कहा कि कैल्शियम कार्बाइड एक ऐसा रसायन है जो समुद्री जल के साथ प्रतिक्रिया करके अत्यधिक ज्वलनशील एसिटिलीन गैस उत्सर्जित करता है। केरल के मुख्य सचिव ए.जयतिलक की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में जहाज से तेल के काफी रिसाव की पुष्टि की गई और पूरे राज्य में अलर्ट जारी किया गया है। बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक नोट के अनुसार, लीक हुआ ईंधन लगभग तीन किलोमीटर प्रति घंटे की गति से फैल रहा है।
कैल्शियम कार्बाइड पानी के संपर्क में आता है, तो यह एक तेज़ और तीव्र रासायनिक प्रतिक्रिया को ट्रिगर करता है। यह प्रतिक्रिया एसिटिलीन गैस और कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड बनाती है और काफी मात्रा में गर्मी छोड़ती है। चूंकि एसिटिलीन एक अत्यधिक ज्वलनशील गैस है, इसलिए यह प्रतिक्रिया खतरनाक हो सकती है, खासकर उन जगहों पर जहां कैल्शियम कार्बाइड की बड़ी मात्रा को संग्रहीत या संभाला जाता है।
कैल्शियम कार्बाइड और पानी के बीच की प्रतिक्रिया से कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड निकलता है, जो पानी की क्षारीयता को बढ़ाता है। पीएच में यह वृद्धि जलीय प्रजातियों के स्वास्थ्य, प्रजनन और अस्तित्व को प्रभावित करके जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को परेशान कर सकती है।
नागरिकों को दी गई है खास सलाह
केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) ने भी आम जनता को किसी भी कंटेनर या तेल रिसाव को छूने से आगाह किया है जो किनारे पर आ सकता है। उन्होंने लोगों से यह भी आग्रह किया है कि अगर उन्हें किनारे पर कोई कंटेनर या तेल दिखाई दे तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) के अनुसार, इस बात की संभावना है कि सामग्री (कंटेनर और तेल सहित) बहकर तट पर आ सकती है। केएसडीएमए ने यह भी चेतावनी दी है कि तट के कुछ हिस्सों में तेल की परतें दिखाई दे सकती हैं।