ऑपरेशन स्पाइडरवेब: ट्रक से लॉन्च हुए ड्रोन, रूस के 40 बॉम्बर्स तबाह – जानिए यूक्रेन के इस बड़े हमले की पूरी कहानी।

ये हमले एक ट्रक के अंदर से किए गए हैं. जिन्हें FPV ड्रोन्स के जरिए अंजाम दिया गया. कीव का कहना है कि इन हमलों से मॉस्को को अरबों डॉलर का झटका लगा है, जिनसे उबरने में उन्हें लंबा वक्त लगेगा.
डेढ़ साल से प्लानिंग कर रहा था यूक्रेन
कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक एसबीयू की तरफ से डेढ़ साल पहले से बड़े ही खुफिया तरीके से इस ऑपरेशन की तैयारी की जा रही थी. इस ऑपरेशन को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और एसबीयू चीफ वासिल माल्युक खुद मॉनिटर कर रहे थे.
एजेंसी के एक सूत्र ने बताया कि रूस में पहले से इन ड्रोन्स की स्मगलिंग कर दी गई थी. ट्रकों पर लगे लकड़ी के केबिनों की छतों के नीचे छिपाकर इन ड्रोन्स को रूस पहुंचाया गया था. ड्रोन हमले के वक्त ट्रक की छत को रिमोट के जरिए ओपन किया गया था और ड्रोन्स ने थोड़ी ही दूरी पर उड़कर रूस के विमानों को नष्ट कर दिया.
रूस के सबसे हाईटेक बमवर्षक विमानों को किया टारगेट
यूक्रेन के अधिकारियों के मुताबिक इस हमले में रूस को 2 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक रूस के सबसे हाईटेक TU-95, TU-22M3 और A-50 जैसे बमवर्षक विमानों को टारगेट किया गया. कथित तौर पर इनमें निगरानी विमान भी शामिल है.
यूक्रेन में बैठकर 4000 किमी दूर साइबेरिया में पहला हमला
इरकुत्स्क ओब्लास्ट में स्थित बेलाया एयरबेस यूक्रेन से करीब 4,000 किलोमीटर दूर है, जिस पर ड्रोन्स से हमले किए गए. कथित तौर पर निशाना बनाए गए अन्य एयरबेस में मरमंस में ओलेन्या मरमंस्क ओब्लास्ट, इवानोवो, और रियाजान के पास स्थित डायगिलेव भी शामिल है.
इरकुत्स्क के गवर्नर इगोर कोबजेव ने सेरडनी में एक सैन्य सुविधा पर ड्रोन हमले की पुष्टि की है. साइबेरिया में इस तरह का यूक्रेन का ये पहला हमला है. मरमंस्क के गवर्नर एंड्री चिबिस ने भी माना कि दुश्मन के ड्रोन्स हमारे इलाके में देखे गए हैं. हालांकि, नुकसान को लेकर उन्होंने कोई ठोस जानकारी नहीं दी.