वाराणसी में बेसहारों और भूखों के लिए उम्मीद बना अनाज बैंक: 33वें स्थापना दिवस पर 50 महिलाओं को दी गई भूख से मुक्ति की गारंटी, 105 लोगों के खोले गए खाते 

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वाराणसी में अनाज बैंक ने पूरे किए 33 साल।

समाजसेवी संस्था ‘विशाल भारत’ ने अपने अनाज बैंक की 33वीं वर्षगांठ पर 150 महिलाओं को मुफ्त अनाज वितरित किया। इसके साथ ही 50 महिलाओं की भूख से मुक्ति की जिम्मेदारी भी ली गई। कार्यक्रम के दौरान अनाज बैंक ने युद्ध जैसी आपात स्थितियों में भूख की समस्या और उसके समाधान में अपनी भूमिका को भी रेखांकित किया।

विशाल भारत संस्था तैयार कर रहा देश सेवकों की फौज इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ कवीन्द्र नारायण ने कहा कि विशाल भारत संस्थान अनाज बैंक के जरिये वर्तमान के भूख संकट को हल करने में लगा है। वहीं शोध कार्य के जरिये भविष्य की समस्याओं को हल करने की योजना पर कार्य कर रहा है। देश सेवकों की फौज तैयार हो रही है, जो हर किसी को संकट में काम आने वाली है।

युवाओं में सेवा और त्याग की भावना विकसित करने वाला विशाल भारत संस्थान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युवाओं को आकर्षित कर रहा है। व्यवस्था और जीवन से निराश लोगों के लिए एक बड़ी उम्मीद है। संस्थान ने बेटियों को ताकतवर बनाया और आदिवासी समाज को सम्मान से जीने की राह दिखाई।

समाजसेवा का पैदा किया युवाओं में क्रेज राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ निरंजन श्रीवास्तव ने कहा कि युवाओं में समाजसेवा का क्रेज विशाल भारत ने पैदा किया है। राष्ट्र को एकसूत्र में बांधना और वंचितों को मुख्यधारा में जोड़ना संस्थान की प्राथमिकता है। अनाज बैंक के डिप्टी चेयरमैन ज्ञान प्रकाश जी ने कहा कि विभीषिका चाहे जो हो, भूख के संकट से गुजरना ही पड़ता है। अनाज बैंक दुनिया का श्रेष्ठ मॉडल है जो भूख पीड़ितों तक अपनी पहुंच बनाने और भरोसा जीतने में कामयाब रहा है।

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