Pakistan Extends Airspace Closure for India:पाकिस्तान ने भारत के लिए एक और महीने तक एयरस्पेस किया बंद, जानिए इसका क्या पड़ेगा असर?

पाकिस्तान एयरपोर्ट अथॉरिटी जारी किया नोटिस
पाकिस्तान एयरपोर्ट अथॉरिटी ने एक नया NOTAM (नोटिस टू एयरमेन) जारी करते हुए साफ कर दिया है कि भारतीय विमानों के लिए उसका हवाई क्षेत्र अब 23 जून से 23 जुलाई तक बंद रहेगा. इस नोटिस में बताया गया है कि यह पाबंदी भारतीय एयरलाइनों, भारत की ओर से संचालित या स्वामित्व वाले विमानों और यहां तक कि भारतीय सैन्य उड़ानों पर भी लागू होगी. यानी कि कोई भी भारतीय विमान, चाहे वो पैसेंजर हो या मिलिट्री, पाकिस्तान के एयरस्पेस का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा.
भारत ने भी पाकिस्तान के लिए बंद किया अपना हवाई क्षेत्र
पाकिस्तान के लगातार अड़ियल रुख के जवाब में भारत ने भी बड़ा फैसला लिया है. भारत सरकार ने पाकिस्तानी एयरलाइनों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद रखने की अवधि एक महीने और बढ़ा दी है, जो अब 24 जुलाई तक लागू रहेगी. पहले यह रोक 24 मई को खत्म होनी थी, लेकिन हालात को देखते हुए इसे 24 जून तक बढ़ाया गया था. अब नई अवधि के तहत पाकिस्तानी विमान भारत के एयरस्पेस से होकर नहीं उड़ सकेंगे.
एयरस्पेस बंद होने का क्या असर पड़ रहा है?
ज्यादा ईंधन, ज्यादा खर्च: लंबा रास्ता तय करने के कारण विमानों को ज्यादा ईंधन की जरूरत होती है, जिससे एयरलाइनों की लागत बढ़ रही है. अनुमान है कि यह खर्च हर महीने लाखों डॉलर तक पहुंच सकता है.
उड़ानों की संख्या में कमी: ज्यादा खर्च और समय के चलते कुछ एयरलाइंस कुछ रूट्स पर उड़ानों की संख्या कम करने पर विचार कर रही हैं.
बढ़ सकता है किराया: एयरलाइंस अपनी बढ़ी हुई लागत का बोझ यात्रियों पर डाल सकती हैं, जिससे टिकट महंगे हो सकते हैं.
थकान: लंबी उड़ानों से यात्रियों को ज्यादा समय तक विमान में रहना पड़ता है, जिससे सफर थकाऊ हो जाता है.
पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने 6 और 7 मई की दरमियानी रात को ऑपरेशन सिंदूर के तहत जवाबी कार्रवाई करते हुए पीओके में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को अपना निशाना बनाया. इस हमले में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे. भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई देखकर पाकिस्तान बौखला गया और उसने ड्रोन और मिसाइलों से भारत के कई शहरों पर हमले किए, जिसका भारत ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया. लगातार तीन दिन तक चले इस संघर्ष के बाद 10 मई को दोनों देशों के बीच सीजफायर समझौता हुआ. हालांकि, अब भी दोनों देशों के बीच व्यापार और लोगों के आने जाने पर पूरी तरह पाबंदी लगी हुई है.