Former CJI DY Chandrachud: रिटायरमेंट के 8 महीने बीतने के बावजूद पूर्व CJI ने अब तक सरकारी बंगला नहीं छोड़ा, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को भेजी चिट्ठी

0
450de8940b83542f8f9e536a3f78b5b71731063966373426_original-e1751784282369-570x330
पूर्व चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के अब तक सरकारी आवास में बने रहने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया दिखाया है. कोर्ट प्रशासन ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को चिट्ठी लिख कर चंद्रचूड़ से आवास खाली करवाने को कहा है. चिट्ठी में बताया गया है कि नियमों के मुताबिक रिटायरमेंट के इतने समय तक कोई सरकारी निवास में बना नहीं रह सकता.

2 साल चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रहने के बाद चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए थे. पद पर रहते उन्हें चीफ जस्टिस आवास के तौर पर 5 कृष्ण मेनन मार्ग बंगला मिला था. यह टाइप 8 का बंगला है. सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें नियमों के अनुसार अस्थायी निवास के तौर पर एक टाइप 7 का बंगला आवंटित हुआ था, लेकिन वह सुप्रीम कोर्ट प्रशासन से अनुरोध कर उन्होंने 30 अप्रैल 2025 तक 5 कृष्ण मेनन मार्ग बंगले में रहने की अनुमति ली. इस अवधि के पूरा होने के बाद भी वर्तमान चीफ जस्टिस बी आर गवई ने उन्हें 31 मई तक आवास में बने रहने की अनुमति दी थी.

SC ने सरकार को लिखी चिट्ठी में क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट प्रशासन की तरफ से लिखी गई चिट्ठी के मुताबिक, रिटायरमेंट के 8 महीने बाद भी चंद्रचूड़ ने बंगला खाली नहीं किया है. उनके अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने 31 मई तक बंगले में रहने की अनुमति दी थी. वह अवधि भी पूरी हो चुकी है. नए जजों को आवास के आवंटन में समस्या हो रही है. ऐसे में पूर्व सीजेआई से तत्काल बंगला खाली करवाया जाए.

ध्यान रहे कि 5 कृष्ण मेनन मार्ग आधिकारिक तौर पर चीफ जस्टिस निवास है, लेकिन चंद्रचूड़ के बाद चीफ जस्टिस बने संजीव खन्ना और वर्तमान चीफ जस्टिस बी आर गवई ने उन्हीं में बने रहना उचित समझा, जिसमें वह अब तक रह रहे थे. इस कारण से भी चंद्रचूड़ को आधिकारिक निवास में अधिक समय तक रहने का अवसर मिल पाया .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *