‘आत्महत्या जैसे ख्याल आते थे…’, धनश्री से तलाक के बाद युजवेंद्र चहल ने पहली बार बयां किया दर्द

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युजवेंद्र चहल ने अपने लेटेस्ट इंटरव्यू में जिंदगी के उस मुश्किल समय के बारे में खुलकर बात की जब उनके मन में आत्महत्या करने के ख्याल आते थे. कुछ महीनों पहले ही चहल का धनश्री वर्मा के साथ तलाक हुआ है, जिनके साथ उन्होंने 2020 में शादी की थी. कई समय तक अलग रहने के बाद दोनों अब क़ानूनी रूप से अलग हो गए हैं. इसके बाद चहल को धोखेबाज तक कहा गया, इसने भी भारतीय क्रिकेटर को काफी दुख पहुंचाया.

युजवेंद्र चहल ने हाल ही में राज श्मानी को इंटरव्यू दिया, इसमें उन्होंने अपनी निजी जिंदगी को लेकर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि धनश्री वर्मा के साथ तलाक के बाद वो धोखेबाज बोल रहे थे जो बात जानते भी नहीं थे. जबकि वह वफादार रहे. उन्होंने कहा, “मैंने जिंदगी में कभी किसी को धोखा नहीं दिया, मैं वफादार रहा हूं और आपको मेरे जैसा वफादार इंसान कहीं नहीं मिलेगा. मुझे अपने लोगों की परवाह रहती है, लेकिन मुझे धोखेबाज कहा गया. मुझे दुख इस बात का है कि लोग बिना पूरी कहानी जाने ही निष्कर्ष तक पहुंचते हैं. लोगों को पता नहीं कि क्या बात है फिर भी मुझे गलत बोल रहे हैं. लेकिन मुझे परवाह नहीं, और इस पर जवाब दूंगा तो और 10 सवाल खड़े हो जाएंगे. मेरे अपने लोग जानते हैं और मुझसे सवाल नहीं करते, ये मेरे लिए मायने रखता है.”

मेरे मन में आत्महत्या के ख्याल आते थे- युजवेंद्र चहल

राज द्वारा पूछे जाने पर कि लोगों ने आपको धोखेबाज का टैग क्यों दिया? इस पर चहल ने कहा, “क्योंकि लोगों को लगता है कि ये इतना खुश कैसे हैं. तलाक होने के बाद ये डिप्रेशन में क्यों नहीं है. ये रो क्यों नहीं रहा, गायब क्यों नहीं हो गया, ऐसी फोटो क्यों नहीं डाल रहा. ये मेरी जिंदगी है, कुछ चीजें मुझे खुशियां दे रही है वो मैं करूंगा. लेकिन मेरे साथ वो 4-5 महीने ऐसे गुजरे हैं, जब मैं डिप्रेशन में रहा. मुझे एंजाइटी अटैक आते थे, जो मेरे नजदीकी लोगों को पता है. मैंने सोशल मीडिया पर डाला नहीं कि मुझे ये हो रहा है. मैं पहली बार ये बोल रहा हूं. मेरे मन में आत्महत्या के ख्याल आते थे.”

उन्हें एंजाइटी क्यों होती थी? इस पर युजवेंद्र चहल ने कहा, “अपने लोगों के बारे में ज्यादा सोचता था, ज्यादा सोचने से मुझे ऐसा होता था. लेकिन मैं किसी को बताता नहीं था, 3-4 महीने मैंने क्रिकेट से बिलकुल ही ब्रेक ले लिया था क्योंकि मुझे अपने लिए समय चाहिए था. तब ऐसे ख्याल आते थे कि सबकुछ होने के बाद भी वो ख़ुशी नहीं है, क्या करें ऐसी जिंदगी का, छोड़ देते हैं. मैं अपने परिवार को ये नहीं बताना चाहता था क्योंकि वो परेशान होते. इस दौरान मेरे दोस्तों ने मेरा बहुत साथ दिया.”

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