आजादी की लड़ाई में बृजभूषण का अहम योगदान: जलियांवाला बाग कांड के बाद जुड़े आंदोलन से, जेल में चंद्रशेखर आजाद से हुई भेंट 

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दुद्धी विधानसभा क्षेत्र के प्रथम विधायक स्व. बृजभूषण मिश्र ‘ग्रामवासी’ का नाम भारत के शीर्ष क्रांतिकारियों में शामिल है। जलियांवाला बाग की हृदयविदारक घटना ने उन्हें इतना व्यथित किया कि वे सब कुछ छोड़कर स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े।

 

बृजभूषण का जन्म 27 अगस्त 1866 को गोपीगंज नगर के पश्चिम मोहाल में हुआ था। मात्र तीन महीने की उम्र में उनकी माता का देहांत हो गया। उनका लालन-पालन उनकी दादी रुक्मिणी देवी ने किया। उनकी प्रारंभिक शिक्षा इमदादी स्कूल गोपीगंज में हुई। बाद में उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अध्ययन किया।

1920 में असहयोग आंदोलन के समय वे सब कुछ छोड़कर स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए। स्वदेशी आंदोलन के दौरान जेल में सजा काटते समय उनकी मुलाकात अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद से हुई।

बृजभूषण एक कुशल पत्रकार और संपादक भी थे। उनका ‘ग्रामवासी’ सप्ताहिक समाचार पत्र आजादी के आंदोलन की स्थानीय निर्भीक आवाज था। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी यह पत्र जन समस्याओं का मुखर प्रतिनिधि बना रहा।

आजादी के बाद दुद्धी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए रिहंद बांध से विस्थापित किसानों की समस्याओं पर उत्तर प्रदेश विधानसभा में दिया गया उनका भाषण विधायिका के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वाराणसी से प्रकाशित अखबार ‘आज’ ने इस भाषण को विस्तार से प्रकाशित किया था। उनका जीवन जन समस्याओं को प्रभावी ढंग से उठाने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

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