अनानास के ऐसे फायदे जो डायबिटीज और वेट लॉस में मददगार साबित होंगे, जानकर आप चौंक जाएंगे

दिल का अच्छा दोस्त अनानास
अनानास में ब्रोमेलैन नाम का एक एंजाइम होता है, जो खून को पतला करता है और सूजन कम करता है। रिसर्च बताती है कि ये दिल के दौरे (हार्ट अटैक) और स्ट्रोक (पक्षाघात) के चांसेस को कम कर सकता है, क्योंकि ये खून को जमने नहीं देता और ब्लड सर्कुलेशन को बढिया रखता है। इसमें विटामिन सी भी भर-भर के होता है, जो धमनियों (आर्टरी) को मजबूत रखता है। साथ में पोटैशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है, जो इंडिया में 3 में से 1 अडल्ट के लिए एक बडी प्रॉब्लम है
क्या डायबिटीज वाले खा सकते हैं?
अनानास में चीनी होती है, लेकिन अगर आप इसे कंट्रोल में खाएं, तो डायबिटीज वाले लोग भी इसे खा सकते हैं। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) मीडियम है (लगभग 59), तो अगर आप ताजा अनानास थोडी क्वांटिटी में खाते हैं, तो आपका ब्लड शुगर लेवल एकदम से नहीं बढेगा। इसमें फाइबर और पानी भी होता है, जो शुगर को धीरे-धीरे बॉडी में जाने देता है।
ध्यान रखने वाली बात: टिन में बंद अनानास या जूस जिसमें एक्स्ट्रा चीनी हो, उसे बिलकुल नहीं खाना है। आप बस आधा कप (50-75 ग्राम) ताजा अनानास खा सकते हैं, और इसे प्रोटीन या हेल्दी फैट के साथ लेने से शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है
लिवर को रखे फिट और फाइन
अपने इंडियन खाने में तेल और मसाले ज्यादा होते हैं, तो लिवर पर लोड पडना कॉमन बात है। लेकिन अनानास में विटामिन सी, मैंगनीज और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो लिवर को डैमेज होने से बचाते हैं। ब्रोमेलैन डाइजेशन को भी सही रखता है, जिससे लिवर पर कम बोझ पडता है। अगर आप इसे रेगुलर खाते हैं, तो ये लिवर को हेल्दी रखने और फैटी लिवर जैसी बीमारी से बचाने में हेल्प कर सकता है।
वेट लॉस में भी सुपर-डुपर हेल्पफुल
अनानास में कैलोरीज बहुत कम होती हैं (100 ग्राम में सिर्फ 42 कैलोरी) और ये फैट-फ्री होता है। इसकी नेचुरल मिठास आपको मीठा खाने की क्रेविंग से बचाती है, और फाइबर आपको पेट भरा हुआ महसूस कराता है। ब्रोमेलैन प्रोटीन को भी पचाने में मदद करता है, जिससे बॉडी को फायदे मिलते हैं।
टिप: सुबह या दोपहर के स्नैक में लगभग एक कप (150 ग्राम) अनानास खाना सही है, बस इस बात का ध्यान रखना कि ये आपकी डेली डाइट का हिस्सा हो।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।