मेरठ के केमिस्ट एसोसिएशन ने कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर अवैध मेडिकल स्टोर्स पर कार्रवाई की मांग की।

संगठन के महामंत्री रजनीश कौशल ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोग बिना लाइसेंस मेडिकल स्टोर चला रहे हैं। इन स्टोर्स पर न तो फार्मासिस्ट मौजूद रहते हैं और न ही डॉक्टर के पर्चे पर दवाएं दी जाती हैं। दवाओं के बिल भी नहीं दिए जा रहे हैं।
एसोसिएशन ने कई अहम मांगें रखी हैं। इनमें सभी मेडिकल स्टोर्स के साइन बोर्ड पर ड्रग लाइसेंस की वैधता और फार्मासिस्ट का नाम व रजिस्ट्रेशन नंबर अनिवार्य रूप से दर्शाना शामिल है। साथ ही हाथ से कटे बिलों को मान्य न करने और 31 मार्च 2025 तक के वैध लाइसेंस धारकों की सूची जारी करने की मांग की गई है।
एसोसिएशन ने फूड प्रोडक्ट्स को दवा के रूप में बेचे जाने पर चिंता जताई है। उन्होंने मांग की है कि फार्मासिस्ट एप्रन पहनकर नाम का बैज लगाएं। हाल ही में पकड़ी गई 20 लाख रुपये की नशीली दवाओं के स्रोत को सार्वजनिक करने की मांग भी की गई है। इस मुलाकात में संगठन के कोषाध्यक्ष मोइनुद्दीन, उपाध्यक्ष राजीव ग्रोवर, योगेंद्र प्रधान, हेमंत बंसल और मंत्री सुनील अग्रवाल मौजूद थे।