अयोध्या में रामलला और राजाराम के दरबार में धूमधाम से मनाया गया श्रीकृष्ण जन्मोत्सव: श्रीरामवल्लभाकुंज, दशरथ महल समेत सैकड़ों मंदिरों में भक्ति का उत्सव

मध्यरात्रि भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्य के साथ श्रीरामवल्लभाकुंज में आरती और भोग अर्पित किया गया। श्रीरामजन्मभूमि में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद यह दूसरी जन्माष्टमी थी, जिसे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। ठीक रात 12 बजे शंखनाद, घंटा-घड़ियाल और नगाड़ों की गूंज के बीच भगवान की आरती उतारी गई।
जानकी महल ट्रस्ट में सजी भगवान श्रीकृष्ण की झांकी आकर्षण का केंद्र रही। इस अवसर पर पुजारियों और भक्तों ने भजन-कीर्तन के साथ स्तुति गान किया। खास बात यह रही कि रामलला के साथ राजा राम के दरबार में भी जन्मोत्सव का आयोजन भव्यता से किया गया। सवा कुंतल पंचामृत से भगवान सालिग्राम व लड्डू गोपाल का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अभिषेक व श्रृंगार किया गया।
सायंकाल से ही मंदिर परिसर में शास्त्रीय कलाकारों और भजन गायकों ने भक्तिमय वातावरण बनाया। जैसे ही घड़ी ने मध्यरात्रि का समय दर्शाया, पूरा नगर ‘जय श्रीकृष्ण’ के उद्घोष से गूंज उठा। आरती के बाद प्रसाद वितरण हुआ और संत-महंतों समेत विशिष्ट अतिथियों को आमंत्रित कर भगवान के दर्शन-पूजन कराए गए।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से सोमवार, 18 अगस्त को सभी दर्शनार्थियों को जन्माष्टमी का प्रसाद (पंजीरी) वितरित किया जाएगा।
इसी तरह अयोध्या के वैष्णव मंदिरों और दशरथ राजमहल बड़े स्थान में भी जन्माष्टमी उत्सव श्रद्धा व उल्लास से संपन्न हुआ। यहां स्वामी देवेंद्र प्रसादाचार्य के निर्देशन में रासलीला का आयोजन हुआ। वहीं मणिराम छावनी, लक्ष्मण किला, रंगमहल, सियाराम किला, रामवल्लभाकुंज, राजगोपाल मंदिर, अशर्फी भवन, हनुमत सदन समेत सैकड़ों मंदिरों में भक्ति और उत्साह के साथ जन्मोत्सव मनाया गया।