अंतर्राष्ट्रीय

नेपाल के बाद, नेपो किड्स ने फिलीपींस में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई, चाहे वह एशियाई समाज की समस्या हो या पश्चिम में नेपोटिज़्म?

नेपाल के बाद, फिलीपींस मेंनेपोटिज़्म की समस्या

नेपाल में हाल ही में हुई घटनाओं के बाद, फिलीपींस भी नेपोटिज़्म के खिलाफ उभरता हुआ एक नया मोर्चा बनता दिखाई दे रहा है। विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक समूहों ने “नेपो बेबीज” मुहिम की शुरुआत की है, जिसमें नेता अपने परिवारों के लिए विशेष लाभ प्राप्त कर रहे हैं, जबकि आम जनता मुश्किल समय से गुजर रही है। यह स्थिति कहीं न कहीं इस बात का संकेत है कि एशियाई समाज में भाई-भतीजावाद एक गंभीर बीमारी के रूप में उभरती जा रही है।

नेपाल में उपजी असमानताएँ

नेपाल में जो हालात बन रहे हैं, वह वास्तव में चिंताजनक हैं। आम लोगों का जीवन कठिनाइयों से भरा है। देश के नेता भले ही शानदार जीवन जी रहे हों, लेकिन आम जनता बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से त्रस्त हो रही है। यह असमानता न केवल नेपाल, बल्कि अब फिलीपींस तक भी पहुँच गई है, जहाँ सरकार के करीबी लोगों को मौक़े दिए जा रहे हैं, जबकि बाकी की जनता के लिए सिर्फ पीड़ा बचती है।

निर्माण परियोजनाओं की दुर्दशा

फिलीपींस ने भारत को कई मोर्चों पर पीछे छोड़ दिया है। हालांकि, यह ध्यान देना जरूरी है कि बाढ़ पुनर्वास परियोजनाएँ अभी भी पूरी तरह से टूटी-फूटी हैं। न केवल अवसंरचना में कमी है, बल्कि भ्रष्छाचार और अनियमितताएँ भी इस परिदृश्य को और खराब कर रही हैं। ये समस्याएँ उन नेताओं के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई हैं, जो सही दिशा में अग्रसर होने की बात कर रहे हैं, लेकिन जताते कुछ और हैं।

संभावित तख्तापलट और राजनीतिक अस्थिरता

नेपाल की तरह, क्या फिलीपींस में भी राजनीतिक अस्थिरता का सामना करना पड़ेगा? विभिन्न प्रदर्शनकारी अब सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं। यदि ये असामान्यताएँ समय पर हल नहीं की गईं, तो तख्तापलट की परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। इस समय सभी की नजरें फिलीपींस की राजनीति पर टिकी हुई हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या स्थिति और बिगड़ती है।

भ्रष्टाचार और विरोध की लहर

फिलीपींस को देखते हुए, ऐसा लगता है कि वहाँ भी लोग अचानक ही भ्रष्टाचार और ‘नेपो बेबी’ संस्कृति के खिलाफ सड़कों पर उतरने को तैयार हैं। यह आंदोलन इस बात का संकेत है कि अब जनता और सच्चाई के बीच की खाई बहुत गहरी हो चुकी है। इसी तरह के विरोध प्रदर्शनों ने नेपाल में भी राजनीतिक धरातल को हिला दिया था। अब, क्या यही स्थिति फिलीपींस में भी उत्पन्न होगी?

निष्कर्ष

भारत, नेपाल, और फिलीपींस के साथ-साथ अन्य एशियाई देशों में नेपोटिज़्म और भ्रष्टाचार एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। जब तक लोग अपनी आवाज़ उठाने के लिए एकजुट नहीं होते, तब तक यह समस्या जारी रहेगी।

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